नई दिल्ली। सरकार ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) में संशोधन किया है। घरेलू स्तर पर उत्पादित क्रूड के निर्यात पर लगने वाले कर में कटौती की गई है जबकि डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर एक रुपये रुपये प्रति लीटर किया गया है। नई दरें मंगलवार से लागू हो गई है।
सरकार की ओर से 20 मार्च को जारी आदेश के मुताबिक ओएनजीसी जैसी तेल उत्पादक कंपनियों के कच्चे तेल के उत्पादन पर लगने वाले शुल्क को 4,400 रुपये प्रति टन से घटाकर 3,500 रुपये प्रति टन किया गया है। डीजल के निर्यात पर मौजूदा विंडफॉल टैक्स 0.50 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है, जो बढ़कर एक रुपये प्रति लीटर किया गया है। हालांकि पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर लगने वाले कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह शून्य बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि विंडफॉल टैक्स किसी विशेष कंपनी या इंडस्ट्री को हुए बड़े प्रॉफिट पर लगाया गया हाई टैक्स रेट होता है। केंद्र सरकार ने एक जुलाई, 2022 से ऑयल कंपनियों को अचानक होने वाले प्रॉफिट पर विंडफॉल टैक्स लगाने का ऐलान किया था। मौजूदा समय में दुनिया के कई देश एनर्जी कंपनियों के दमदार प्रॉफिट पर विंडफॉल टैक्स लगा रहे हैं।