चैत्र की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात्रि 10 :52 से प्रारम्भ होकर 22 मार्च को रात्रि 8:20 पर समाप्त हो रही है। चैत्र नवरात्र मंे दुर्गा पूजन हेतु इस वर्ष घट स्थापना महुर्त बुधवार 22 मार्च को मीन लग्न में प्रातः 6 :13 से प्रातः 07:19 में एवं मिथुन लग्न में प्रातः 10 : 53 से 11 :49 में एवं लाभ की चौघड़िया प्रातः 6:10 से 7:41 एवं अमृत की चौघड़िया प्रातः 7:41 से 9:12 करना श्रेष्ठ है। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य एस एस नागपाल ने दी है।
बुधवार को अभिजीत महुर्त में राहु काल के कारण प्रयुक्त नहीं होगा चैत्र नवरात्रि के पहले दिन अत्यंत दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसे पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन शुक्ल योग और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में पूजा-पाठ करने से साधक को इच्छापूर्ति का आशीर्वाद मिलता है और सभी दुख दूर हो जाते हैं। घटस्थापना के लिए साधक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए और कलश की स्थापना ईशान कोण में ही करनी चाहिए। –