- प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने को लेकर वैज्ञानिकों ने लिया संकल्प
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में बांटी जा रही मोटे अनाजों की ढाई लाख किट
- वैद्य से लेकर वैज्ञानिक तक सेहत के लिए अमृत का खजाना हैं मोटे अनाज
बरेली। उत्तर प्रदेश में किसानों को तकनीक से जोड़ने, मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती और प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। प्रदेश में ढाई लाख किसानों को मुफ्त में मोटे अनाजों की किट बांटी जा रही है। मोटे अनाज सेहत के लिए रामबाण है। इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने भी संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 2023 को इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स घोषित किया है। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। ज्वार, बाजरा, कोदो, सवा के उत्पादन में यूपी का अभी देश में तीसरा स्थान है। इसको बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती के दायरे को बढ़ाया जा रहा है। वैद्य से लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि मोटे अनाज मनुष्यों से लेकर पशुओं तक के लिए अमृत का खजाना हैं।
यूपी में 10.83 लाख हेक्टेयर में होती है मोटे अनाजों की खेती
आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर बी पी सिंह ने बताया किसरकारी आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 2021-22 तक प्रदेश में 10.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मोटे अनाजों की खेती होती है। इसमें बाजरा का रकबा 9.05 लाख हैक्टेयर, ज्वार का 1.71 लाख हेक्टेयर, कोदो का रकबा 0.02 और सावा का रकवा 0.05 हेक्टेयर है। सरकार की नई योजना के तहत 2026- 27 तक इनकी बुवाई का रकबा बढ़ाकर 25 लाख हेक्टेयर करने की तैयारी है। इसको लेकर कृषि विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। 4 वर्षों में मिलेट्स के बीज की ढाई लाख में किसानों को मुफ्त बांटी जाएंगी। राज्य सरकार इसके लिए 11.86 करोड रुपए खर्च कर रही है। किस जिले में किसानों को मुफ्त किट बांटी जानी है। इसको लेकर कृषि विभाग ने खाका तैयार कर लिया है।
जागरूक कर मोटे अनाज से सेहत का राज बताएगा आईवीआरआई
आईवीआरआई के निदेशक डॉक्टर त्रिवेणी दत्त ने बताया कि मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। स्लोगन, पोस्टर अभियान होगा। स्टाफ और छात्रों के बीच डिबेट कराई जाएगी। मोटा अनाज मनुष्यों से लेकर पशुओं तक के लिए अमृत का खजाना है। मोटे अनाज को सुपरफूड कहते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, सावा, कंगनी, कोदो, कुटकी और कुट्टू को शामिल किया गया है। इससे फाइबर के साथ कैल्शियम आयरन की मात्रा अधिक होती है। मोटे अनाज को कुपोषण के खिलाफ सबसे लाभकारी माना जाता है। इससे डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां दूर रहती हैं। इम्यूनिटी को मजबूत कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकता है। संतुलित और पोषक आहार की कमी को पूरा करता है। डायबिटीज के लिए बाजरा खास प्रभावी है। इसमें काफी प्रोटीन भी पाया जाता है। आंखों की सेहत के लिए कैरोटीन बहुत अच्छा होता है। सौ ग्राम बाजरे में 132 मिलीग्राम प्रोटीन पाया जाता है। मोटे अनाज से पाचन तंत्र मजबूत रहता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। मोटा अनाज में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। वह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखता है।