दिसंबर 2023 तक 44 हजार से अधिक स्कूल और 75 ब्लॉक बनाए जाएंगे निपुण

  • योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग को दिया लक्ष्य, सभी के लिए तय की जिम्मेदारी
  • प्रत्येक एआरपी को दिसंबर 2023 तक कम से कम 10 स्कूलों को बनाना होगा निपुण
  • प्रत्येक 75 जिलों में कम से कम एक ब्लॉक को निपुण बनाने के लिए तय किया लक्ष्य
  • निपुण असेसमेंट टेस्ट-1 में 80 प्रतिशत छात्रों की रही उपस्थिति, रिजल्ट भी हुआ जारी

 

लखनऊ, 19 मार्च। प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को नया लक्ष्य दे दिया है। इसके अनुसार दिसंबर 2023 तक प्रदेश में 44 हजार प्राइमरी विद्यालयों को निपुण विद्यालय का दर्जा हासिल करना होगा, जबकि प्रत्येक जिले में एक निपुण ब्लॉक बनाना होगा यानी कुल 75 निपुण ब्लॉक बनाने का लक्ष्य दिया गया है। बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक में इस लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि निपुण भारत मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में प्रत्येक बच्चा अनिवार्य रूप से 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त कर ले। यह मिशन, जिसे समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तत्वावधान में शुरू किया गया है, स्कूली शिक्षा के मूलभूत वर्षों में बच्चों तक पहुंच प्रदान करने और उन्हें स्कूल में बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

निर्देशों के साथ ही रणनीति भी तय

बेसिक शिक्षा विभाग को दिए गए निर्देशों के अनुसार प्रत्येक एआरपी को दिसंबर तक 10 स्कूलों को निपुण बनाना होगा। इस तरह इस डेडलाइन तक 44 हजार से ज्यादा स्कूलों को निपुण बनाना लक्ष्य है। इसी तरह शिक्षक संकुलों के लिए जुलाई 2023 तक अपने स्कूलों को निपुण बनाना अनिवार्य होगा। इसके माध्यम से 41 हजार से ज्यादा स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य है। यही नहीं प्रत्येक जिले में कम से कम एक ब्लॉक को भी निपुण बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह दिसंबर 2023 तक 75 ब्लॉक को निपुण बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। निर्देशों के साथ-साथ टूलकिट भी तय की गई है। इसके अंतर्गत संदर्शिका एवं निर्देशिका में उल्लिखित लेसन प्लान को 100 प्रतिशत कक्षाओं में लागू करना होगा। निपुण तालिका के द्वारा 100 प्रतिशत स्कूल बेस्ड असेसमेंट पूर्ण करना होगा। साथ ही मेंटर्स के द्वारा स्पॉट असेसमेंट किया जाएगा, जबकि डायट स्टूडेंट्स द्वारा स्पॉट असेसमेंट सुनिश्चित किया जाएगा। सभी स्कूलों में टीचर्स के बीच उचित कार्य आवंटन और कक्षा विभाजन सुनिश्चित करना होगा।

निपुण असेसमेंट टेस्ट-1 में बेहतर रहा छात्रों का प्रदर्शन

स्कूलों को निपुण स्कूल बनाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है और तय मानकों के अनुरूप स्कूलों की निगरानी भी की जा रही है। इसी क्रम में नवंबर-दिसंबर के बीच निपुण असेसमेंट टेस्ट-1 का आयोजन किया गया। इसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों की उपस्थिति दर्ज की गई। प्रदेश में 14 प्रतिशत छात्र इस टेस्ट में 90 प्रतिशत से अधिक, 21 प्रतिशत 75 से 90 प्रतिशत के बीच, 17 प्रतिशत 60 से 75 प्रतिशत अंक पाने में सफल रहे। टेस्ट में सफल रहे टॉप-5 जिलों में वाराणसी, हापुड़, बस्ती, जौनपुर और गौतमबुद्धनगर रहे। सभी छात्रों को उनके रिपोर्ट कार्ड भी प्रदान कर दिए गए हैं। दूसरे निपुण असेसमेंट का आयोजन मार्च-अप्रैल 2023 में प्रस्तावित है।

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