प्योंग्यांग। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास का उत्तर कोरिया लगातार विरोध कर रहा है। अभ्यास शुरू होते ही उत्तर कोरिया ने जवाबी कार्रवाई की और चार मिसाइलें दाग दी हैं। इनमें पनडुब्बी से दो क्रूज मिसाइल और दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल शामिल है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच 13 मार्च से संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू हुआ है। 23 मार्च तक होने वाले सैन्य अभ्यास को रोकने के लिए उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ से भी गुहार की है। उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने बयान जारी कर कहा कि संयुक्त सैन्य अभ्यास और सहयोगियों की बयानबाजी ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को “बेहद खतरनाक स्तर” पर धकेल दिया है। इसलिए इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
इस बीच उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण भी तेज कर दिये हैं। सैन्य अभ्यास शुरू होते ही लगातार चार मिसाइल दाग कर उत्तर कोरिया ने जवाबी कार्रवाई की है। दक्षिण कोरिया ने इन परीक्षणों को उकसावे वाला करार दिया है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिमी तटीय शहर जांगयोन से प्रक्षेपित की गई मिसाइलों ने देश के पूर्वी तट के पास समुद्र में गिरने से पहले उत्तर कोरिया से ऊंची उड़ान भरी थी। मिसाइलों ने लगभग 620 किलोमीटर की दूरी तय की। रिपोर्ट की गई उड़ान दूरी से पता चलता है कि मिसाइल परीक्षण दक्षिण कोरिया को निशाना बनाने को लेकर किये गए हैं। उन्होंने इन परीक्षणों को एक गंभीर उकसावे वाला बताया और कहा कि यह कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिरता को कमजोर करता है।
इस बीच अमेरिकी सेना की ओर से यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने कहा कि मंगलवार के परीक्षण से उसके सहयोगियों को तत्काल खतरा नहीं है। लेकिन उत्तर कोरिया के हालिया परीक्षण उसके गैरकानूनी हथियार कार्यक्रमों के अस्थिर करने वाले प्रभाव को उजागर करते हैं।
साथ ही यह भी कहा गया कि दक्षिण कोरिया और जापान के लिए अमेरिकी सुरक्षा जारी रहेगी। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि अधिकारी अभी भी उत्तर कोरियाई प्रक्षेपणों का विवरण एकत्र कर रहे हैं और जापानी जल में नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।