( शाश्वत तिवारी) : जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज भारत की यात्रा पर हैं इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिले, राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की साथ ही अन्य कर्यक्रमों में भाग लिया। जर्मन चांसलर बनने के बाद भारत के दौरे पर पहली बार दिल्ली पहुंचे जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। यहां भारतीय पोशाक पहने कुछ बच्चों ने उनका स्वागत किया। दिल्ली एयरपोर्ट से जर्मन चांसलर राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री ने स्वागत किया साथ ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
पीएम मोदी के साथ करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी और ओलाफ स्कोल्ज ने संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा जर्मनी पूरे यूरोप में हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। साथ है इंवेस्टमेंट का सोर्स है। दोनों देशों के बीच गहरी समझ है। भारत और जर्मनी के बीच मजबूत संबंध एक दूसरे के हितों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी जैसी दो सबसे बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग दोनों देशों के लोगों के लिए फायदेमंद है। ये दुनिया को सकारात्मक संदेश देता है। जर्मनी यूरोप में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार होने के अलावा निवेश का महत्वपूर्ण स्रोत है। हम सुरक्षा और रक्षा सहयोग में संबंधों का विस्तार करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
जर्मन चांसलर ने की तारीफ:
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने भी प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत की जमकर तारीफ की। ओलाफ स्कोल्ज ने कहा ‘भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है। स्कोल्ज ने रूस पर निशाना भी साध। कहा रूस की आक्रामकता का खामियाजा दुनिया भुगत रही है। ऐसे में अभी सारे देश भोजन और ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने पर फोकस कर रहे हैं। शोल्ज ने कहा लगभग 1,800 जर्मन कंपनियां भारत में सक्रिय हैं। इनमें हजारों भारतीय नौकरियां करते हैं। हमें प्रतिभा चाहिए हमें स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत है। भारत में IT और सॉफ्टवेयर का विकास तेजी से हो रहा है। भारत में इतनी प्रतिभा है और हम दोनों देशों के संबंधों का लाभ उठाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि जर्मनी में भी भारतीयों को नौकरी मिले। भारत और जर्मनी के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं। हम इन्हें मजबूत करते रहेंगे।
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के बाद राजघाट पहुंचे। यहां उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान शोल्ज को महात्मा गांधी की एक मूर्ति और किताब भेंट की गई।