उत्तर प्रदेश: वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान
- पूर्वदशम कक्षाओं (कक्षा 9 एवं 10) में अध्ययनरत अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र / छात्राओं हेतु योजनान्तर्गत छात्र / छात्राओं जिनके अभिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय ऐसे 2.50 लाख रूपये हैं, को अधिकतम रूपये 3000/- वार्षिक की छात्रवृत्ति से लाभान्वित किये जाने का प्राविधान है ।
- दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र / छात्राओं जिनके अभिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय 2 लाख रूपये तक है।
- अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में लड़कियों की बेहतर शिक्षा के लिये अब तक 24 छात्रावासों एवं 11 विद्यालय भवनों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है ।
- वित्तीय वर्ष 2023 2024 में छात्रावास निर्माण / विद्यालय भवन निर्माण हेतु 6 करोड़ 81 लाख रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।
- मदरसों / मकतबों में आधुनिक विषयों की शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। योजना के अन्तर्गत मदरसों / मकतबों में आधुनिक विषयों (हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि) को पढ़ाने के लिये स्नातक शिक्षक को रूपये 6000/- प्रति माह, परास्नातक के साथ बी०एड० शिक्षकों को रूपये 12,000 /- प्रतिमाह की दर से मानदेय के भुगतान की व्यवस्था है।
- इसके अतिरिक्त बुक बैंक की स्थापना हेतु रूपये 50,000 विज्ञान एवं गणित किट हेतु रूपये 15,000 आलिया तथा उच्च आलिया स्तर के मदरसों के लिए कम्प्यूटर लैब की स्थापना हेतु 1 लाख रूपये प्रति मदरसा का अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है।
- नवसृजित जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर न्यायालय परिसर के निर्माण हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- सरकार के शीर्ष प्राथमिकता में सम्मिलित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना हेतु 103 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के जनपदीय न्यायालयों के अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 420 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि से संबंधित कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री की शुद्ध प्राप्ति का अन्तरण किये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 06 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति को अनुदान हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के अधिवक्ताओं की सुविधा हेतु विभिन्न जनपदों में अधिवक्ता चैम्बर्स के निर्माण कार्य तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 20 करोड रूपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सी०सी०टी०वी० कैमरा एवं अन्य सुरक्षा उपकरण हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नवसृजित जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर न्यायालय परिसर के निर्माण हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- सरकार के शीर्ष प्राथमिकता में सम्मिलित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना हेतु 103 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के जनपदीय न्यायालयों के अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 420 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि से संबंधित कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री की शुद्ध प्राप्ति का अन्तरण किये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 06 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति को अनुदान हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के अधिवक्ताओं की सुविधा हेतु विभिन्न जनपदों में अधिवक्ता चैम्बर्स के निर्माण कार्य तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 20 करोड रूपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सी०सी०टी०वी० कैमरा एवं अन्य सुरक्षा उपकरण हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- अन्नपूर्ति योजना हेतु 21,791 करोड़ 25 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- समस्त अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न का प्रतिमाह निशुल्क वितरण माह दिसम्बर 2022 तक कराया गया।
- उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क कुकिंग गैस सिलिण्डर के रीफिल हेतु 3047 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- खाण्डसारी शक्कर योजना हेतु 218 करोड़ 40 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजनान्तर्गत जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं / बालिकाओं को आर्थिक एवं चिकित्सीय सहायता प्रदान की जा रही है।
- वित्तीय वर्ष 2023 2024 हेतु इस योजनान्तर्गत 56 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिये जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं यह योजना प्रदेश के 71 जनपदों में संचालित की जा रही है।
- उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्थापित पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों एवं नैफेड के माध्यम से “टेक होम राशन” के रूप में 06 माह से 06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण कराया जा रहा है।
- प्रदेश में अनुपूरक पुष्टाहार से लगभग 1 करोड़ 85 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 291 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिये आयुष्मान भारत के अन्तर्गत स्वास्थ्य बीमा हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। छः वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण में कमी लाने, 06 माह से 59 माह तक के बच्चों में एनीमिया के स्तर में कमी लाने, और गर्भवती / छात्री महिलाओं में एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण अभियान संचालित है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के लिए 455 करोड़ 52 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा हेतु प्रत्येक राजस्व मण्डल में 1000 बालक / बालिकाओं के लिये कक्षा 06 से कक्षा-12 तक अध्ययन हेतु अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं । इन विद्यालयों का संचालन आगामी सत्र 2023 2024 से प्रारम्भ किया जाना है। अवशेष निर्माण कार्य हेतु 63 करोड़ रूपये तथा उपकरण आदि के क्रय हेतु लगभग 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं रूपये 1000 को चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरूष कामगारों की पत्नियों को रूपये 6000 एकमुश्त में दिये जाने का प्रावधान है ।
- अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पोष्टिक आहार हेतु लड़का पैदा होने पर एकमुश्त रूपये 20,000/- तथा लड़की पैदा होने की स्थिति में रूपये 25,000/- बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किया जायेगा।
- जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को रूपये 50,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किये जाने का प्रावधान है।
- “निर्माण कागमार की मृत्यु विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजनाको एकीकृत करते हुये नयी योजना निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना कर दिया गया है।
- दुर्घटना में मृत्यु होने पर रूपये 5 लाख जो 05 वर्ष तक मासिक किश्त के रूप में दिया है, सामान्य मृत्यु पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में एवं अन्त्येष्टि हेतु रूपये 25,000 एकमुश्त देय है।
- पूर्ण स्थायी दिव्यांगता पर रूपये 04 लाख 34 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक एवं 100 प्रतिशत से कम पर रूपये 3 लाख 03 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत से कम पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में देय है।
- अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर हुयी दुर्घटना के फलस्वरूप मृत्यु की स्थिति में रूपये 01 लाख एकमुश्त देय है। इस योजना के अन्तर्गत समेकित की गयी समस्त योजनाओं में माह नवम्बर, 2022 तक 37.149 लाभार्थी है तथा लगभग 419 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गयी है।
- महात्मा गांधी पेंशन योजना में प्रत्येक पात्र निर्माण श्रमिक जो 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर एवं पूर्ववर्ती कम से कम 10 वर्षों तक लगातार लाभार्थी के रूप में सदस्य बना रहता है, को प्रतिमाह रूपये 1000 की दर से पेंशन देय है, जो उसके जीवित रहने तक उसे स्वयं और उसकी मृत्यु के पश्चात् उसकी पत्नी अथवा पति को दिये जाने का प्रावधान है।
- उत्तर प्रदेश के कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु / दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितम्बर, 2019 से लागू है। इस योजना के अन्तर्गत कृषक की परिभाषा का विस्तार किया गया है। योजना के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु / दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है। योजना हेतु 750 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं।
- प्रदेश में वर्ष 2022 में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के सापेक्ष दिनांक 21-12-2022 तक 6.68 लाख कृषकों को रूपये 261.42 करोड़ के कृषि निवेश अनुदान का वितरण किया जा चुका है। यह प्रक्रिया अभी जारी है।
- विभागवार महत्त्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों हेतु आय-व्ययक में की गई व्यवस्थाओं का विवरण प्रस्तुत करने के पश्चात् मैं, राजकोषीय सेवाओं का विवरण प्रस्तुत कर रहा हूँ।
- राज्य वस्तु एवं सेवा कर तथा मूल्य संवर्धित कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 01 लाख 50 हजार करोड़ रुपये (1,50,000 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।
- आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 58 हजार करोड़ रुपये (58,000 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।
- स्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 34 हजार 560 करोड़ रुपये (34,560 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।
- वाहन कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 12 हजार 672 करोड़ रुपये (12,672 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।