- सीएम योगी ने प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण के तीसरे स्तर को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 करने के दिये निर्देश
- खाद्य प्रसंस्करण का अनुभव रखने वालों का तैयार होगा थर्ड पार्टी पैनल
लखनऊ: योगी सरकार खाद्य प्रसंस्करण को पूरे देश में पहले पायदान पर लाने और इसे बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण के पाठ्यक्रम चलाने वाले शैक्षिक संस्थानों और कॉलेज की मदद लेगी। साथ ही इन संस्थानों और खाद्य प्रसंस्करण का अनुभव रखने वालों का थर्ड पार्टी पैनल तैयार करेगी, ताकि इसके जरिये प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ाया जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों और सूक्ष्म, लघु उद्योग को बढ़ाने के साथ गांव स्तर पर रोजगार सृजित करना है क्योंकि खाद्य प्रसंस्करण के उद्योग ज्यादातर रूरल एरिया में स्थापित किये जाते हैं। इसकी मुख्य वजह उन्हे आसानी से कच्चा माल मिलना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिस तरह प्रदेश कृषि उत्पादों में देश में अग्रणी स्थान रखता है, इसी तरह खाद्य प्रसंस्करण जो वर्तमान में देश में तीसरे स्तर (टरटीयरी) पर 6 प्रतिशत है, इसे 20 प्रतिशत तक ले जाएं।
खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने को लाई गई नई खाद्य प्रसंस्करण पॉलिसी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि खाद्य प्रसंस्करण कृषि और उद्योग के बीच की अति महत्वपूर्ण कड़ी है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग देश के खाद्य बाजार का 32 प्रतिशत है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के कई उद्योग उद्यमियों द्वारा स्वयं या वित्तीय संस्थाओं से धनराशि प्राप्त करके स्थापित किए जाते हैं। यह खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे लाभ नहीं ले पाते। अधिकारियों ने सीएम योगी को अवगत कराया कि खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए लागू नई नीति के माध्यम से अधिक से अधिक उद्यमियों को इससे जोड़े जाने के प्रयास शुरू हो गये हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-23 के तहत उद्यमी अधिक लाभ उठाने के लिए आवदेन करके लैटर ऑफ कंफर्ट प्राप्त कर सकते हैं। यह आवेदन खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा विज्ञापन के जरिये प्राप्त किए जाएंगे और राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी में अप्रूवल के बाद लैटर ऑफ कंफर्ट/लैटर ऑफ सेंक्शन प्राप्त कर सकते हैं।
थर्ड पार्टी पैनल तैयार करेगा प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की कार्ययोजना
वहीं प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अब योगी सरकार खाद्य प्रसंस्करण में अनुभव रखने वाले, पाठ्यक्रम चलाने वाले कॉलेज और संस्थानों की मदद लेगी। उत्तर प्रदेश देश के सब्जी उत्पादन और फल उत्पादन में क्रमश: 15 और 11 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है, जबकि सब्जी और फल प्रसंस्करण के निर्यात में भागीदारी क्रमश: 5 और .4 प्रतिशत की ही है। ऐसे में प्रदेश में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को बढ़ाने और इसे अन्य राज्यों के साथ देशों में बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसके लिए उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग को नोडल और उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। वहीं थर्ड पार्टी पैनल तैयार किया जा रहा है, जो प्रसंस्करण को बढ़ाने की नई कार्ययोजना को तैयार करेगा।