उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अपर निजी सचिव भर्ती घोटाला

  • नियम ताक पर रखकर नियमित करने के लिए कल होगी बैठक

लखनऊ / राघवेन्द्र प्रताप सिंह l उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग तो अपने खेल के लिए कुख्यात रहा है जिसके चलते आयोग की सीबीआई जाँच चल भी रही है वो अलग बात है कि आयोग के भर्ती घोटाले में सीबीआई जाँच भी गुम हो गई है जो खोजे नहीं मिल रही है कि आखिर CBI है कहाँ…. बिहार में या बंगाल में..?

 

ऐसे ही जाँच कि जद में अपर निजी सचिव भर्ती 2010 भी जिसकी CBI जाँच भी चल रही है और मामला कोर्ट में भी है। लेकर शासन में बैठे उच्च अधिकारीयों को बड़ी जल्दी है सबको स्थाई करने की।

 

इसी जल्दी के चलते  सारे नियम ताक पर रखकर अपर निजी सचिव भर्ती 2010 चयनित अभ्यर्थियों का स्थायीकरण करने , उनकी पूर्व के विभाग की सेवाओं को जोड़ने और वेतन संरक्षण देने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कल दिनांक 2 फरवरी 2023 को 12:00 बजे बैठक आयोजित की गई है।इस बैठक में न्याय विभाग, सचिवालय प्रशासन विभाग, कार्मिक विभाग, गृह विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।

 

सीबीआई ने इस भर्ती की जांच में बड़ा घोटाला पकड़ने के बाद एफआईआर दर्ज कराई है और वह विवेचना कर रही है इसके अलावा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस भर्ती को निरस्त करने के संबंध में दाखिल एसएलपी संख्या 5626/ 2018 आलोक कुमार पांडे बनाम उत्तर प्रदेश राज्य me सुनवाई की जा रही है जिसमें  7 फरवरी को सुनवाई होनी है।

 

सचिवालय प्रशासन विभाग को कार्मिक विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किए गए अपने काउंटर एफिडेविट में स्वीकार किया है कि लोक सेवा आयोग ने  अपर निजी सचिव सेवा नियमावली का उल्लंघन करके यह भर्ती प्रक्रिया संपादित कराई है।  सरकार ने इस में दो बार महाधिवक्ता से परामर्श मांगा था और दोनों बार महाधिवक्ता ने प्रस्ताव अस्वीकृत किया है।

 

ऐसी स्थिति में जब भर्ती में घोटाला प्रमाणित है और सीबीआई और सर्वोच्च न्यायालय में मामला पेंडिंग है तो इस भर्ती से चयनित अभ्यर्थियों का स्थायीकरण करने और वित्तीय लाभ देने की कार्रवाई प्रारंभ करना पूरी तरह से गलत है।

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