(शाश्वत तिवारी) : भारत की मजबूत विदेश नीति की वजह से आज विश्व में भारत को उगते सूरज की तरह देखा जा रहा है। अमेरिका, रूस, जर्मनी, फ्रांस, मिस्र और लगभग सभी देश भारत का अलग-अलग मंचों पर समर्थन कर रहे हैं। इसी कड़ी में मालदीव ने भी यूएनएससी में अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। भारत को ये समर्थन देने का फैसला 18 और 19 जनवरी को विदेश मंत्री एसo जयशंकर की मालदीव यात्रा के बाद लिया गया है।
जून 2027 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 21वें सत्र के दौरान यूएनएससी की एक गैर-स्थायी सीट पर चुनाव होना है, जिसमे मालदीव सरकार ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। विदेश मंत्री एसo जयशंकर की मालदीव यात्रा के बाद मालदीव सरकार ने 2028-2029 की अवधि के लिए यूएनएससी में अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला लिया है। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में मजबूत और प्रभावी नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। भारत यूएन चार्टर में निहित मूल्यों और सिद्धांतों का भी प्रबल समर्थक रहा है। मालदीव सरकार को भरोसा है कि भारत यूएन सुरक्षा परिषद में सभी विकासशील देशों की आवाज बनेगा और आने वाले वर्षों में शांति और सुरक्षा पर वैश्विक संवाद में सार्थक योगदान देना जारी रखेगा।
मालदीव में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया है कि हम 2028-29 के लिए UNSC की अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने के निर्णय के लिए मालदीव सरकार को धन्यवाद देते हैं। यह हमारी मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आपसी सहयोग और समन्वय की गहरी जड़ें वाली परंपरा को दर्शाता है।
मालदीव की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात की थी। साथ ही विदेश मामलों के मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की थी। इस दौरान भारत और मालदीव के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए द्विपक्षीय विकास सहयोग से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर मालदीव के राष्ट्रपति के साथ हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा विकास परियोजना के शिलान्यास समारोह में शामिल हुए। यह परियोजना दोनों देशों के लोगों को एक साथ लाएगी।