टर्की जिसे अब नए नाम तुर्किये से बुलाया जाता है , ने स्वीडन के रक्षा मंत्री का अंकारा का दौरा रद्द करने की घोषणा हाल ही में कर दी है। तुर्किए के इस ऐलान से स्वीडन का नाटो सदस्य बनने का सपना बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। दरअसल , नाटो सदस्य बनने के लिए सभी 30 नाटो सदस्यों की अनापत्ति जरूरी होती है। अमेरिका स्वीडन को नाटो का सदस्य बनाने के समर्थन में है लेकिन तुर्किए की आपत्ति स्वीडन की राह में रोड़ा बन रही है।
स्वीडन के रक्षा मंत्री का तुर्किए का दौरा इस लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा था क्योंकि इस दौरे में स्वीडन, तुर्किए की आपत्तियों को दूर करने के लिए बातचीत करता। हालांकि स्टाकहोम में हुए विरोध प्रदर्शनों ने बातचीत शुरू होने से पहले ही उन्हें पटरी से उतार दिया।
बता दें कि स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में तुर्किए के दूतावास के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद तुर्किए की सरकार ने यह ऐलान किया है। स्वीडन के दक्षिणपंथी नेता रासमस पालूदान के नेतृत्व में हुए इन विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र कुरान की एक प्रति जलाई गई थी। इस घटना ने तुर्किए को नाराज कर दिया है।
इसके साथ ही तुर्किए का आरोप है कि स्वीडन कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी का समर्थन करता है, जो कई दशकों से तुर्किए की सरकार के खिलाफ हथियारबंद संघर्ष छेड़े हुए है। साथ ही तुर्किए ने इसके राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन के आलोचकों को निर्वासित करने की मांग की है। हालांकि स्वीडन में कई लोगों का मानना है कि तुर्किए की मांगों को मानने से उनके देश में बोलने की आजादी के साथ ही उनकी संप्रभुता से भी समझौता होगा।