स्कूलों की तरह मदरसों में भी एनसीआरटी की किताबों से होगी पढ़ाई

राघवेन्द्र प्रताप सिंह: यूपी मदरसा बोर्ड ने हाल ही में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की मांग खारिज कर दी है। मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों की जांच नहीं होगी और ना ही पढ़ रहे छात्रों का दाखिला कहीं और कराया जाएगा।  इसके बाद ये तय हो गया है कि मदरसों में इस साल से NCERT की किताबों से पढ़ाई होगी।  स्कूलों की तरह मदरसों के बच्चों को भी सरकार किताब देगी।  इसके साथ ही मदरसो में पढ़ाने वाले टीचरों की ट्रेनिंग भी होगी।

 

आपको बता दें कि मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीक्यूईएम) भी चलाई जा रही है जिसका उद्देश्य मदरसों में ऐसा गुणात्मक सुधार लाना है कि वे मुस्लिम बच्चों को औपचारिक शिक्षा-विषयों में राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के मानक प्राप्त करने में सक्षम बनाने में समर्थ बन सकें।

एसपीक्यूईएम योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नवत हैं:

 

मदरसा और मकतब जैसे पारंपरिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम में विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, हिंदी और अंग्रेजी को शामिल करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना ताकि वे इन संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा I-XII वाली शैक्षणिक दक्षता प्रदान कर सकें ।

 

इन संस्थानों के छात्रों को विशेषकर राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के समतुल्य शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करना।

 

राज्य मदरसा बोर्डों को मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम की निगरानी करने और मुस्लिम समुदाय के बीच शिक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए उनकी सहायता करके राज्य मदरसा बोर्डों को मजबूत करना।

 

मदरसों में गुणवत्ता घटकों जैसे कि उपचारात्मक शिक्षण, मूल्यांकन और सीखने के परिणामों में वृद्धि, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान आदि की व्यवस्था करना।

 

इस योजना के तहत नियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक कौशल और शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्हें विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, हिंदी और अंग्रेजी के आधुनिक विषयों को पढ़ाने के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान करना।

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