व्यूरो : यमन अक्सर हूती विद्रोहियों को लेकर चर्चा में रहता है। अब यमन में लड़ाई में नौ महीने से अधिक समय तक तक विराम के बीच, सऊदी अरब और उसके विरोधी ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने अनौपचारिक संघर्ष विराम को मजबूत करने की उम्मीद से पिछले दरवाजे से वार्ता फिर से शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में हुए संघर्ष विराम के अक्टूबर में खत्म होने के बाद से कोई औपचारिक संघर्ष विराम नहीं हुआ है। वहीं हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में सऊदी अरब ने 2015 में कदम रखा। उसने, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य अरब देशों के साथ एक सैन्य गठबंधन का नेतृत्व किया। अमेरिका समर्थित इस गठबंधन ने विद्रोहियों के खिलाफ कठोर अभियान चलाया था।
यमन में हूती विद्रोहियों और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले संघर्ष से यमन में जो गृह युद्ध की स्थिति जारी रही है उसमें 1,50,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और अरब का सबसे गरीब देश यमन भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है तथा दुनिया के सबसे भयावह मानवीय संकट से भी जूझ रहा है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब ने सितंबर में हूती विद्रोहियों के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता फिर से शुरू की थी। तब तक यह साफ हो गया था कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले संघर्ष विराम समझौते का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। ओमान इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है।