पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए यूएई का बड़ा फैसला

व्यूरो : हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने  मौजूदा 2 अरब डॉलर के कर्ज को रोलओवर करने (कर्ज चुकाने की अवधि आगे बढ़ाना) और एक अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज देने पर सहमति जताई है। यूएई की ओर से पाकिस्तान को मिला यह कर्ज इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि पाकिस्तान को अगले छह महीने में 13 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है।

 

 

दरअसल इस समय पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर नौ वर्ष के निचले स्तर पर आ गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 4.34 अरब डॉलर रह गया।  यह राशि फरवरी 2014 के बाद से सबसे कम है। ये धनराशि एक महीने के राशन की चीजों के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है।

 

यूएई की ओर से पाकिस्तान को यह मदद तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार, बड़े पैमाने पर बाढ़ के नुकसान और व्यापक आर्थिक मंदी के बीच डिफॉल्ट के खतरों से पार पाने के लिए दिया गया है।  इससे पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी पाकिस्तान को राहत देने के लिए सहायता और निवेश राशि बढ़ाने का आदेश दिया था।

 

पाकिस्तान को जनवरी से जून 2023 तक 13 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना है।  यूएई की इस मदद से पाकिस्तान की कर्ज देनदारी एक-चौथाई कम हो जाएगी।  कुल 13 अरब डॉलर कर्ज में से पाकिस्तान अब तक लगभग 1.2 अरब डॉलर का भुगतान कर चुका है।  यूएई के लोन रोलओवर के बाद पाकिस्तान को अब लगभग 10 अरब डॉलर चुकाने होंगे।

 

पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने के खतरे को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ऋण कार्यक्रम के तहत लोन के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

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