- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में आयोजित हो जनपदीय निवेशक सम्मेलन: मुख्यमंत्री
- अपने क्षेत्र के ब्रांड एंबेसेडर हैं जनप्रतिनिधि, स्थानीय प्रतिभा-पोटेंशियल की करें ब्रांडिंग: मुख्यमंत्री
- उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आ रहे दुनिया भर के निवेशक: मुख्यमंत्री
- निराश्रित गोवंश की समस्या का हो रहा स्थायी समाधान, सांसद-विधायक भी करें सहयोग: मुख्यमंत्री
- हाथरस और कासगंज में जल्द खुलेगा मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अलीगढ़ मंडल (अलीगढ़, एटा, कासगंज और हाथरस जनपद) के सांसद व विधायकगणों के साथ क्षेत्र में संचालित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को क्षेत्रीय जनभावनाओं से अवगत कराया, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल निर्णय के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश..
प्रधानमंत्री के ‘रिफॉर्म, परफॉर्म ट्रांसफॉर्म’ मंत्र को आत्मसात करते हुए बीते साढ़े पांच साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। देश-विदेश के निवेशकों के लिए सर्वश्रेठ गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश की पहचान है। आज देश-दुनिया के निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उत्साहित है।
आगामी 10-12 फरवरी तक ‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ का आयोजन किया जाना प्रस्ताशवित है। इस विशेष आयोजन के दृष्टिगत देश-दुनिया के निवेशकों को आमंत्रित करने गई ‘टीम यूपी’ को हर जगह उद्योग जगत की ओर से 12 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। यह ग्लोबल इन्वेस्टर समिट ऐतिहासिक होने जा रहा है। वर्ष 2027 तक प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में यह इन्वेस्टर्स समिट सहायक होगा।
हाल के दिनों में कुछ जनपदों ने जनपदीय इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर अपने जनपद में हजारों करोड़ के निवेश प्राप्त किए। ऐसा ही प्रयास अलीगढ़ मंडल के सभी जिलों में किया जाना चाहिए। जनप्रतिनिधि गण जनपदीय निवेशक सम्मेलन का नेतृत्व करें। हर जनपद में संभावनाएं हैं। सभी सांसद-विधायक गण अपने क्षेत्र के उद्यमियों, व्यापारियों, प्रवासी जनों से संवाद-संपर्क बनाएं। उन्हें प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों, सेक्टोरल पॉलिसी की जानकारी दें। अपने क्षेत्र के पोटेंशयिल का परिचय दें और निवेश के लिए प्रोत्साहित करें। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह इन्वेस्टर्स समिट नई ऊंचाइयों को छूने वाला होगा।
सांसद-विधायक गण जिला प्रशासन, औद्योगिक विकास विभाग, इन्वेस्ट यूपी और मुख्यमंत्री कार्यालय का सहयोग लेते हुए प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का व्यापक प्रचार प्रसार करें। स्थानीय विश्वविद्यालय/ महाविद्यालयों/पॉलिटेक्निक/आईटीआई में युवाओं के बीच इन पर परिचर्चा कराई जाए। जनप्रतिनिधिगण इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें।
सांसद-विधायकगण क्षेत्र में संचालित विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करते रहें। यह योजनाएं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की छवि निर्माण में सहायक हैं। गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने में जनप्रतिनिधियों को योगदान करना होगा।
हाथरस की हींग और आयुर्वेदिक दवा उद्योग और एटा की कॉफी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। जनप्रतिनिधि के रूप में हमें अपनी इन खूबियों की ब्रांडिंग करनी चाहिए।
एटा जनपद में बनी घंटियां पूरी दुनिया के मठ-मंदिरों को गुंजायमान करती हैं। तकनीक के इस दौर में जबकि हम ऊर्जा संरक्षण के लिए संकल्पित हैं, तब हमें इस उद्योग को भी इस संकल्प से जोड़ना चाहिए। परंपरागत ईंधन के स्थान पर पीएनजी गैस को प्रोत्साहित किया जाए। जनप्रतिनिधियों को इसमें सहयोग करना होगा।
तकनीकी क्रांति के इस दौर में सोशल मीडिया, संवाद का बेहतरीन माध्यम बन कर उभरा है। सभी सांसद/विधायकगणों को इस मंच का उपयोग करना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं, औद्योगिक नीतियों, रोजगारपरक कार्यक्रमों के बारे में सकारात्मक भाव से सोशल मीडिया मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए। जनता से संपर्क-संवाद बनाने में यह मंच अत्यंत उपयोगी है।
प्रदेश में संचालित निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में आज 9 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित किये गए हैं। गोवंश पालन के इच्छुक किसानों को ₹900 प्रतिमाह दिए जाने की योजना के भी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। सांसद/विधायक गण ऐसी योजनाओं में रुचि लेते हुए आम जन को इनसे जोड़ने का प्रयास करें।