गोरखपुर। संकट की किसी भी परिस्थिति में भावनात्मक संबल के साथ भरपूर मदद करना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशिष्ट कार्यशैली है। अपने कार्यों से समाज में योगदान देने वालों के प्रति तो उनका भाव और ही खास होता है, परिवार के मुखिया और अभिभावक जैसा। इसी आत्मीय भाव के साथ मुख्यमंत्री ने दिवंगत वरिष्ठ प्रेस फोटोग्राफर डीके गुप्ता व सुपरिचित भोजपुरी गायक संतराज गोरखपुरी के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।
बुधवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वर्गीय डीके गुप्ता व स्वर्गीय संतराज गोरखपुरी के परिजनों से गोरखनाथ मंदिर के अपने सभाकक्ष में मुलाकात की। उन्होंने गहरी शोक संवेदना जताने के साथ परिजनों को ढांढस भी बंधाया। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता की धनराशि का चेक प्रदान किया। साथ ही दोनों के परिवारों को आश्वस्त किया कि दुख और संकट की घड़ी में वह और उनकी सरकार हर वक्त साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने दोनों परिवारों के लोगों से आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर वह उनसे संपर्क कर सकते हैं आवश्यकता की पूर्ति में वह सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।
परिजनों ने कहा हमारे लिए अभीभावक हैं महाराजजी
मुख्यमंत्री से मिले इस संबल पर स्वर्गीय डीके गुप्ता की पत्नी श्रीमती कुसुम गुप्ता व संतराज गोरखपुरी की पत्नी श्रीमती बिंदु देवी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि महाराज जी उनके लिए अभिभावक की तरह हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन दशक तक पत्रकारिता जगत में सक्रिय रहते हुए डीके गुप्ता (दिनेश कुमार गुप्ता) जी ने एक छायाकार के रूप में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया उनका निधन समाज, खासकर पत्रकारिता जगत के लिए अपूर्ण क्षति है। मुख्यमंत्री ने भोजपुरी गायक संतराज गोरखपुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अपनी संगीत साधना से संतराज गोरखपुरी ने भोजपुरी गायकी को विशिष्ट पहचान दी। उनका निधन संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। मंत्री ने दोनों दिवंगत की आत्माओं की शांति के लिए गुरु गोरक्षनाथ से प्रार्थना की।
सीएम योगी ने की गोसेवा, गोवंश को खिलाया गुड़-चना
बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में प्रातः भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ हमेशा की तरह मंदिर की गोशाला पहुंचे। गोवंश की सेवा करते हुए कुछ वक्त उनके बीच बताया। उन्होंने अपने हाथों से गोमाता व गोवंश को गुड़-चना खिलाया। साथ ही गोशाला के कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि ठंड के इस मौसम में सभी गोवंश का विशेष ख्याल रखा जाए।