वाराणसी। नए साल 2023 के दूसरे दिन सोमवार को भी श्री काशी विश्वनाथ दरबार में कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। मंगला आरती के बाद दरबार का पट खुलते ही हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष के साथ पहले से ही कतारबद्ध श्रद्धालु बाबा का झांकी दर्शन कर आह्लादित होते रहे।
नव वर्ष में बाबा विश्वनाथ के दरश और परश के लिए विपरित मौसम के बावजूद श्रद्धालु बेकरार दिखे। घंटों लाइन में कतारबद्ध रहने के बावजूद बाबा के प्रति उनकी भक्ति उफान मारती रही। नव वर्ष के पहले दिन दरबार में सुबह से लेकर रात्रि तक साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दरबार में हाजिरी लगाई। बाबा की एक झलक पाने के लिए रविवार को भोर से ही श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया था। मंगला आरती के पश्चात जैसे ही बाबा का पट आम दर्शनार्थियों के लिए खुला। वैसे ही हर हर महादेव और ओम नमः शिवाय के जयकारे से पूरा परिसर गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने वर्ष के पहले दिन बाबा का जलाभिषेक कर अपने पूरे साल सुखमय जीवन की बाबा से गुहार लगाईं।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए नव वर्ष पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी, जैसे ही दर्शनार्थियों के लिए बाबा का पट खोला गया वैसे ही लंबी कतार लग गई। मंगला आरती के पश्चात रात्रि तक करीब साढ़े पांच लाख से अधिक दर्शनार्थियों ने बाबा के दर्शन पूजन किए। उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए हर एक सुविधा मंदिर में उपलब्ध कराई गई थी। वॉलिंटियर्स भी लगाए गए थे ताकि किसी भी श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में की गई व्यवस्था देखने के लिए वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा भी मंदिर पहुंचे। उन्होंने दर्शनार्थियों से मंदिर की ओर से की गई सुविधाओं का हाल जाना। मंदिर की ओर से की गई व्यवस्थाओं पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आगे और भी दर्शनार्थियों के लिए सुविधाओं को बढ़ाया जाए।
उधर, मंदिर परिसर में किसी भी गेट से मोबाइल व इलेक्ट्रानिक गैजेट तक प्रतिबंधित रहा, जिस प्रवेश द्वार से श्रद्धालु प्रवेश कर रहे थे, उसी रास्ते बाबा का दर्शन कर लौटते रहे। नव वर्ष में भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है। मैदागिन से आने वाले दर्शनार्थी छत्ता द्वार होते हुए मंदिर चौक तक जा रहे हैं। इसके बाद गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर जाकर दर्शन पूजन कर रहे हैं। गंगा की ओर से आने वाले दर्शनार्थी मंदिर के पूर्वी द्वार पर बाबा को जल चढ़ा रहे हैं। सरस्वती फाटक की तरफ से आने वाले दर्शनार्थी गर्भ गृह के दक्षिणी द्वार पर और ढुंढीराज प्रवेश द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से बाबा को जल चढ़ा रहे हैं। पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम और खोया-पाया केंद्र बना है। किसी भी आपात स्थिति के लिए एंबुलेंस और चिकित्सा विभाग की टीम भी मंदिर के पास तैनात है।