- मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, दवाओं, विशेषज्ञों और टेक्नीशियन की न हो कमी
- टीम-09 के साथ बैठक कर प्रदेश की स्थिति की समीक्षा कर दिए निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां शासन स्तर पर गठित टीम-09 के साथ बैठक कर प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की। इसमें कोविड की स्थित, उससे लड़ने की तैयारी, धान खरीद, कानून व्यवस्था, शीतलहरी और फरवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा जैसे विषय शामिल रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
कोविड प्रबंधन के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ प्रदेश की स्थिति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विभिन्न देशों में बढ़ते कोविड-19 के संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश की स्थिति सामान्य है। दिसम्बर माह में 09 लाख 06 हजार से अधिक टेस्ट किए गए। इसमें 103 केस की पुष्टि हुई। इस अवधि में प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 0.01 प्रतिशत दर्ज की गई। वर्तमान में प्रदेश में कुल 49 एक्टिव केस हैं। विगत 24 घंटों में 42 हजार से अधिक टेस्ट किए गए। यह समय सतर्क और सावधान रहने का है।
उन्होंने कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। विगत दिनों मॉकड्रिल में जो भी कमियां मिली हैं, उनमें तत्काल सुधार किया जाए। कोविड काल में सरकार ने हर जिले में आईसीयू स्थापित किये हैं। उन्हें क्रियाशील रखा जाए। हर आईसीयू में एनेस्थेटिक व अन्य स्पेशलिस्ट चिकित्सकों और टेक्नीशियन की उपलब्धता हो। आक्सीजन प्लांट पर तीन टेक्नीशियन तैनात होने चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग अथवा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती, चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता की गहनता से परख कर ली जाए। कहीं भी किसी प्रकार की कमी न हो। अस्पतालों द्वारा अपने स्तर पर भी मॉकड्रिल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड वैक्सीनेशन करने वाला राज्य है। वर्तमान में प्रदेश में 11 लाख से अधिक डोज उपलब्ध है। मांग के अनुरूप वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भारत सरकार से सतत संपर्क बनाए रखा जाए। कोविड संक्रमण से बचाव में टीके की उपयोगिता स्वयंसिद्ध है। प्रीकॉशन डोज लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। इसमें तेजी की आवश्यकता है।
कोविड काल के पिछले दो-ढाई वर्ष की अवधि में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में अस्थायी तौर पर कार्मिकों की तैनाती की गई थी। कोविड काल में अपने प्राणों की परवाह न करते हुए इनके द्वारा किया गया दायित्व निर्वहन प्रेरणास्पद है और सेवाभावना सराहनीय है। इन कार्मिकों की इस सेवावधि की भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में गणना की जाए। ऐसे कार्मिकों को वरीयता दी जाए। इस संबंध में स्पष्ट नियमावली तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि संभव है आने वाले कुछ दिनों में नए केस में बढ़ोतरी हो। ऐसे में हमें अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, सतर्क और सावधान रहने का है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को एक्टिव करें।
कोविड के नए वैरिएंट पर सतत नजर रखी जाए। जो भी नए केस मिले, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। दैनिक टेस्टिंग को बढ़ाया जाए। गंभीर, असाध्य रोग से ग्रस्त लोगों, बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड काल में सेवा देने वाले सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों को बकाया मानदेय का भुगतान तत्काल कराया जाए। यदि शासन से भुगतान होने के बाद संबंधित एजेंसी द्वारा कार्मिक को भुगतान नहीं किया है तो ऐसे प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए बकाया भुगतान कराया जाए। सेवा के बाद मानदेय कार्मिक का अधिकार है, इसका भुगतान समय पर ही होना चाहिए।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, आयुष राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर मिश्र दयालु, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र समेत शासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।