लखनऊ। मूल्य आधारित शिक्षा से समाज का सर्वांगीण विकास करना महामना के जीवन का लक्ष्य था। मदन मोहन मालवीय कुशल राजनेता प्रसिद्ध वकील एवं शिक्षाविद थे। साधारण परिवार में जन्मे मालवीय जी अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के लिए समर्पित किया था। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए महामना ने समाज के सभी वर्गों को जागृत किया तथा जोड़ा। मदन मोहन मालवीय की परिकल्पना थी कि भारतीय शिक्षण संस्थानों से निकलने वाले प्रत्येक छात्र का भारतीय विचार के अनुरूप निर्माण हो।
उक्त बातें भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा संचालित महामना शिक्षण संस्थान में आयोजित मदन मोहन मालवीय जन्म जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे बोलते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री जेपी एस राठौर ने कही । राठौर ने कहा की देश की आजादी मे हमारे महापुरुषों ने अपने प्राणों की आहुति दी लंबा संघर्ष किया यतनाएं पायी उनका बलिदान और उनके संकल्पों को साकार करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व मे आज देश चहूमुखी विकास कर रहा है। समर्थ भारत सक्षम भारत बनकर विकास के पथपर अग्रसर है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विधाभारती के राष्ट्रीय मंत्री डॉ.शिवकुमार जी ने कहाँ कि महामना शब्द के सम्बोधन से ही मनुष्य के मूल निर्माण का बोध होता है। मालवीय जी भारतीयता के नायक थे दूर द्रष्टा थे मालवीय जी ने सामाजिक जागरूकता के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनमें देशभक्ति की भावना प्रवल थी मालवीय जी दृष्टि से नागरिक का सर्वश्रेष्ठ कर्तव्य यह है कि वह मातृभूमि के सम्मान की रक्षा के लिए जीवन का बलिदान कर दें। आध्यात्मिक और उन्नत भारत का निर्माण करें।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. पीके मिश्र – कुलपति एकेटीयू ने इस अवसर पर परिसर के बच्चों एवं युवा पीढ़ी को महामना के पदचिन्हों पर चलने का अहवाहन किया। महामना शिक्षण संस्थान के सचिव रंजीव तिवारी ने संस्थान की गतिविधियों के बारें मे बताया और सफल छात्रों को बधाई दी। इस अवसर पर सफल छात्रों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे डॉ जी एन सिंह, सुभाष यदुवंस, डॉ सौरभ मालवीय, डॉ संतोष शुक्ला, देव प्रकाश, डॉक्टर विनय गुप्ता, डॉक्टर शिखा सिंह भदोरीय सहित अनेक लोग उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन संस्था के न्यासी जितेंद्र अग्रवाल ने किया तथा संचालन अनघ शुक्ल ने किया।