नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा अक्सर भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारियां और नौकाएं जब्त की जाती हैं जिससे कई भारतीय मछुआरों की आजीविका खतरे में आ जाती है. वहीं विदेश मंत्रालय भी इन मछुआरों को भारत वापस लाने ले किये काफी मशक्कत करता है। इसी मुद्दे को इस बार राज्य सभा में भी उठाया गया और सरकार से पूछा गया कि तो पिछले तीन वर्षों के दौरान भारतीय मछुआरों पर हमले, घायल मछुआरों की संख्या, मृत्यु, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा क्षतिग्रस्त नौकाओं का ब्यौरा दिया जाए जिसका जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री वीo मुरलीधरन ने कहा कि भारतीय मछुआरों को समय-समय पर श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने और श्रीलंकाई जल में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है। भारत सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा, संरक्षण और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। जैसे ही भारतीय मछुआरों पर कथित हमलों की रिपोर्ट प्राप्त होती है, राजनयिक चैनल के माध्यम से सरकार इस मामले को श्रीलंका सरकार के साथ उठाती है।
विदेश राज्य मंत्री वीo मुरलीधरन ने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों में, कुल 485 (2020 में 74, 2021 में 159 और 2022 में 252) भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा और कुल 66 भारतीय नौकाओं (2020 में 11, 2020 में 20) को गिरफ्तार किया गया था। 2021 में और 35 2022 में) श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया गया था। सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण इनमें से 461 मछुआरों को रिहा कर दिया गया है। 2 दिसंबर 2022 तक श्रीलंका की हिरासत में 24 भारतीय मछुआरे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सितंबर 2020 में आयोजित आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान श्रीलंका के प्रधान मंत्री के साथ हमारे प्रधान मंत्री सहित उच्चतम स्तर पर भारतीय मछुआरों से संबंधित मुद्दों को उठाया गया है। 2021 में, 5-7 जनवरी को कोलंबो की अपनी यात्रा के दौरान विदेश मामलों मंत्री ने श्रीलंका के मत्स्य मंत्री से मुलाकात की थी और भारतीय मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा की थी। 2-5 अक्टूबर 2021 को अपनी श्रीलंका यात्रा के दौरान श्रीलंका के गणमान्य लोगों के साथ विदेश सचिव की चर्चा में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। मानवीय तरीके से मछुआरों से संबंधित मुद्दों से निपटने की आवश्यकता को श्रीलंका सरकार को दोहराया गया था। इस बात पर भी जोर दिया गया कि इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा समझ का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और दोनों पक्षों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी परिस्थिति में बल का उपयोग नहीं हुआ है। हाल ही में15 जनवरी 2022 को विदेश मंत्री ने श्रीलंका की हिरासत में भारतीय मछुआरों की जल्द रिहाई के मुद्दे पर चर्चा की, श्रीलंका के वित्त मंत्री के साथ उनकी आभासी बैठक के दौरान और श्रीलंका के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान श्रीलंका के भारत दौरे के दौरान। फरवरी_ मार्च 2022 में श्रीलंका के वित्त मंत्री की यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया गया था।