- नेशनल अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कॉन्क्लेव को किया संबोधित
- देश के विकास की प्रक्रिया में यूपी पिछड़ा तो भारत विकास के बुलंदियों को छूने में पीछे रह जाएगा
- देश का हर छठवां नागरिक यूपी में करता है निवास
लखनऊ। अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट आज की आवश्यकता है। हर नागरिक को बुनियादी सुविधा प्राप्त करने का अधिकार है। वह पैसा देता है, इसके बदले सुविधा चाहता है लेकिन जब वह इससे वंचित होता है तो व्यवस्था से उसका विश्वास उठता है। जब ऐसा होता है तो वह गलत दिशा की ओर अग्रसर होता है।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। वे दो दिवसीय नेशनल अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने विश्वास जताया कि यूपी के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने में अपना योगदान देने में कॉन्क्लेव सफल होगी।
सीएम ने कहा कि आबादी (24-25 करोड़) के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। अगर यह देश के विकास की प्रक्रिया में पिछड़ता है तो भारत विकास के बुलंदियों को छूने में पीछे रह जाएगा। 8 वर्ष में पीएम मोदी के नेतृत्व में अनेक कार्यक्रम शुरू हुए। लोगों को लगता था कि यह योजना यूपी में सफल हुई तो देश में सफल हो जाएगी। अगर यूपी लक्ष्य प्राप्त करने में विफल रहा तो योजना के पूर्ण होने पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाएगा।
5 वर्ष में हुए प्रयास का दिख रहा परिणाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित विकास की जो योजना तैयार होनी चाहिए थी, उसका नितांत अभाव दिखता था। न सोच थी, न राजनीतिक इच्छाशक्ति और न ही कार्ययोजना दिखती थी। वह जमीनी धरातल पर उतरता नहीं दिखता था। नगरीय जीवन नारकीय जैसा दिखता था, लेकिन 5 वर्ष में जो प्रयास हुए, उसके परिणाम दिख रहे हैं। पीएम के संकल्पों के अनुरूप भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी में बदलना है तो यूपी का भी योगदान होना चाहिए। यूपी में देश का हर छठवां व्यक्ति निवास करता है। इसकी अर्थव्यवस्था भी 1 ट्रिलियन डॉलर की तरफ अग्रसर होनी चाहिए। ईज ऑफ लिविंग और इकॉनामिक ग्रोथ के लिए शहरीकरण महत्वपूर्ण आयाम है। अर्बनाइजेशन की हमारी अवधारणा पर व्यवस्थित कार्य कर सके तो समयसीमा के अंदर लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। यूपी जैसे राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधार रही है। इस दिशा में लोगों ने अपने स्तर पर प्रयास भी किए हैं। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को पर्याप्त करने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में काम तो हुए पर समय के अनुरूप उन्हें बदलने का प्रयास नहीं किया। पांच वर्ष में यूपी में 100 से ज्यादा अर्बन बॉडीज बनाई गई। भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत यूपी में 10 सिटी को विकसित करने की कार्ययोजना स्वीकृत की। शेष 7 नगर निकायों को अपने स्तर पर भी स्टेट स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत बढ़ाया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा में यूपी में सबसे अधिक मेट्रो (5 शहर) में संचालित है। आगरा में युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। अभी कुछ किया जाना है।
नगर निकायों में हमारी जितनी आबादी निवास कर रही है, देश के 3-4 राज्यों को छोड़ दें तो शेष राज्यों की उतनी आबादी भी नहीं है। इन लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में पहले से बैठकर अर्बन प्लानर के जरिए प्लानिंग हो। यह आज की आवश्यकता है। समय के अनुरूप आमजन को सुविधाओं से युक्त कर पाएंगे और आर्थिक उन्नयन पर भी बेहतरीन कार्य किया जा सकता है।
प्रारंभिक स्तर पर ही ध्यान दें, जिससे व्यवस्थित हो विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां थोड़ा भी अर्बनाइजेशन होता है। सरकार की प्लानिंग चलती है, इससे पहले ही वहां भूमाफिया धमक पड़ते हैं। जमीनों को अपने पक्ष में करने का प्रयास शुरू कर देते हैं। औने-पौने दाम पर अनियोजित तरीके से निर्माण शुरू हो जाता है। वहां मूलभूत सुविधा तक नहीं होती। जब वह मुनाफा कमाकर निकल जाता है तो वहां रहने वाले लोग स्थानीय राजनैतिक नेतृत्व को पकड़कर शासन पर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं। फिर विपरीत स्थिति बनती है। उस स्थिति को बनने से पहले ही प्रारंभिक स्तर पर ध्यान दे दें कि विकास व्यवस्थित हो। शहर के अंदर के कन्जेशन दूर हों। सिटी आत्मनिर्भर बन सके। ईज ऑफ लिविंग का लक्ष्य आमजन की सुविधाओं से युक्त हो। आवास, बुनियादी सुविधा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन की बेहतर स्थिति हो। प्राथमिकता के साथ प्लानिंग हो और नगर निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को बढ़ाया जा सके।
रिसोर्सेज का उपयोग तक नहीं कर पाते नगर निकाय
सीएम योगी ने कहा कि अधिकतर नगर निकाय अपने रिसोर्सेज का उपयोग नहीं कर पाते। वे शासन से मिलने वाले अनुदान पर निर्भर होते हैं। कर्मचारी को वेतन भी शासन से मिलने के बाद ही दे पाते। अपने स्तर पर प्लानिंग नहीं करते। हर कार्य पर उनकी निर्भरता सिर्फ शासन पर होती। यहीं से नगर निकायों में ऐसे तत्वों की घुसपैठ होती है, जो न सिर्फ विकास को अवरुद्ध करते, बल्कि नागरिकों के जीवन को नारकीय बनाने का गठजोड़ तैयार करते थे। अब इसमें काफी सुधार हुआ, लेकिन बहुत कुछ करने को है।
सीएम ने उम्मीद जताई कि दो दिन तक जो कुछ भी मिले, उसका अच्छा प्रजेंटेशन तैयार करें। नगर निकायों व विकास प्राधिकरणों की बोर्ड बैठक व मेयर, एमपी, एमएलए के साथ इसका प्रस्तुतिकरण कर उनके सुझावों के अनुरूप वहां की कार्ययोजना तैयार करें तो काफी लाभ मिलेगा। इससे विकास को बढ़ाने में भी काफी मदद मिलेगी।