(शाश्वत तिवारी) । भारतीय रक्षा मंत्री व विदेश मंत्री 07 से 10 सितंबर तक जापान की यात्रा पर हैं जहाँ उन्होंने 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया, ये वार्ता भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के प्रति सम्मान के साझा मूल्यों पर आधारित रही. गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए थे जिसके बाद वे जापान पहुंच गए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी जानकारी:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है कि आज टोक्यो में जापान के रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमदा के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। इस साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे हो गए हैं। एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा भारत और जापान एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं। जापान के साथ भारत की रक्षा साझेदारी स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले उन्होंने जापान के वीर जवानो को श्रद्धांजलि दी और लिखा जापान के सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के जवानों को मेरी श्रद्धांजलि जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
किसे कहते हैं 2+2 मंत्रीस्तरीय वार्ता?
टू प्लस टू वार्ता में दो देशों के दो-दो मंत्री भाग लेते हैं. यही वजह है कि दो देशों के शीर्ष मंत्रियों और उनके समकक्षों के बीच होने वाली वार्ता को टू प्लस टू वार्ता का नाम दिया गया है। इस तरह की वार्ता की शुरुआत जापान से हुई थी। इसके बाद दुनिया भर के कई देशों ने बातचीत के इस तरीके को अपनाया। दो देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय बातचीत के लिए इस तरह की वार्ता काफी मददगार मानी जाती है.
दिल्ली में नवंबर 2019 में हुई थी पहली वार्ता:
बता दें कि इससे पहले भारत-जापान विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता 2+2 की पहली मीटिंग 30 नवंबर, 2019 को नई दिल्ली में हुई थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस० जयशंकर ने जापान के तत्कालीन विदेश मंत्री मोतेगी तोशिमित्सु और जापान के तत्कालीन रक्षा मंत्री कोनो तारो के साथ बातचीत की थी। वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की भारत यात्रा के पांच महीने से अधिक समय बीत चुके हैं और अब 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता आयोजित किया जा रहा है. नई दिल्ली में शिखर वार्ता के दौरान, किशिदा ने भारत में अगले पांच वर्ष तक 3,20,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी।