कीव। यूक्रेन पर रूसी हमले के साढ़े तीन महीने बीत जाने के बाद भी दोनों ओर का घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार हमले करके यूक्रेन ने रूस की सेना से काला सागर स्थित स्नैक द्वीप खाली करा लिया है। इस बीच, अमेरिका ने यूक्रेन को 80 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद का ऐलान किया है।
काला सागर के स्नैक द्वीप पर रूस की सेनाओं के कब्जे से यूक्रेन को बंदरगाहों से होने वाले निर्यात पर अवरोध का सामना करना पड़ रहा था। यूक्रेन की सेना अपने युद्धपोतों और नौसैनिक ठिकानों से लगातार काला सागर में मौजूद रूसी सेना पर हमले कर रही थी। लगातार हमलों से परेशान होकर रूस की सेना ने काला सागर स्थित स्नैक द्वीप खाली कर दिया है। इससे यूक्रेनी बंदरगाह से होने वाले निर्यात पर रूसी अवरोध खत्म हो सकेगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेय येरमक ने ट्वीट कर दावा किया कि तोपों और मिसाइलों के हमलों के परिणामस्वरूप रूस की सेना को काला सागर से भागना पड़ा है। हालांकि रूस के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि यूक्रेन में मानवीय सहायता कार्यक्रम में बाधा न आने देने के लिए रूस ने इस द्वीप से पीछे हटने का निर्णय लिया है।
इस बीच यूक्रेन की मदद का सिलसिला एक बार फिर तेज हुआ है। यूक्रेन की सेना का आधुनिकीकरण करने के लिए नाटो की सहमति पर अमेरिका ने यूक्रेन को 80 करोड़ डॉलर की मदद दिये जाने की घोषणा की है। यह राशि अमेरिका की अब तक जारी मदद से अलग अतिरिक्त सैन्य सहायता के रूप में होगी। इस धन से यूक्रेन की सेना का आधुनिकीकरण करने के साथ ही जरूरत के अनुरूप नए हथियार खरीदे जा सकेंगे। ब्रिटेन ने भी रूसी प्रभाव का मुकाबला करने और नाटो मिशन को मजबूत करने के लिए बोस्निया-हर्जेगोविना में सैन्य विशेषज्ञ भेजने का ऐलान किया है।