लखनऊ। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान की कड़ी आलोचना की है। भाजपा ने कहा है कि अखिलेश यादव को हिन्दू धर्म की प्राचीनता का अध्ययन नहीं है। सपा अध्यक्ष ने कहा था कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने ज्ञानवापी का मामला उठाया है।
अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि भारतीय संस्कृति सभ्यता कितनी पुरातन है, कितनी कितनी समृद्धशाली व वैभवशाली है और कितना पुराना इसका इतिहास है, अखिलेश यादव के पास इसका अध्ययन नहीं है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि तुष्टीकरण करने के लिए राजनीति करने के लिए हिन्दू धर्म के प्रति इतनी ओछी टिप्पणी कर रहे हैं। निश्चित रूप से हिन्दू समाज इसको देख रहा है । सनातन समाज इसको देख रहा है। मेरी राय है कि कम से कम इस तरह की ओछी टिप्पणी करने के लिए हिन्दू धर्म को पढ़ लीजिए। मंदिरों का निर्माण कैसे होता है ,उसको पढ़ लीजिए फिर बोलिए।
सपा अध्यक्ष के बयान की कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने भी पलटवार किया है। लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कहा कि सनातन धर्म मानने वाले ऐसा बयान नहीं देते हैं। अखिलेश को पत्थर में खोट नजर आता है,लेकिन हमें पत्थर में भगवान नजर आते हैं।