नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा भारत ने कई कदम उठाए जिसने उसे कोविड-19 का मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रखा’। वह गुरुवार को सप्रू हाउस में आयोजित भारतीय विदेश मंत्रालय सहयोग से प्रकाशित विश्व मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) की पुस्तक ‘भारतीय कूटनीति और कोविड प्रतिक्रिया’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
भारतीय कूटनीति और कोविड प्रतिक्रिया पुस्तक का विदेश सचिव ने किया विमोचन।
कार्यक्रम में विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा, कोविड-19 अभूतपूर्व संकट था। इससे हमारे सामने असाधारण चुनौतियां उत्पन्न हो गई थीं। इसका प्रभाव हमारे जीवन के सभी पहलुओं पर पड़ा। ऐसे संकट के समय भारत की प्रतिक्रिया हमारी सरकार और समाज के दृष्टिकोण को उल्लेखित करने वाली थी। इसके लिए सरकार के विभिन्न एजेंसियों और अधिकार प्राप्त समूह काम करने के लिए एक साथ आए।
कोविड के समय विदेश मंत्रालय की भूमिका पर बोलते हुए विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की तरह, महामारी की नई वास्तविकताओं से निपटने के लिए जल्दी से अनुकूलित हो गया। आज लॉन्च किया गया यह प्रकाशन मंत्रालय की प्रतिक्रिया के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करता है।
विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा हमने अपनी घरेलू आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हुए दुनिया भर के 150 से अधिक देशों में दवाओं और फार्मास्युटिकल उत्पादों को साझा किया। भारतीय स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा विशेषज्ञता को पड़ोसी एवं अन्य देशों को भी उपलब्ध कराया। इसके बाद वैक्सीन मैत्री के जरिए दुनिया के कई हिस्सों में वैक्सीन पहुंचाई। उन्होंने कहा जैसा कि प्रधानमंत्री ने इस वर्ष की शुरुआत में उल्लेख किया था भारत’एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की दृष्टि का अनुसरण करते हुए, कई देशों को आवश्यक दवाएं और टीके उपलब्ध कराकर करोड़ों लोगों की जान बचा रहा है।
विदेश सचिव ने कहा मंत्रालय ने डिजिटल और आभासी कूटनीति की एक नई दुनिया को तेजी से अपनाया। लॉकडाउन के एक सप्ताह के भीतर वर्चुअल बैठकें शुरू हो गईं। जिसकी शुरुआत जी20 और दक्षिण एशियाई नेताओं की बैठकों के साथ हुई। आभासी शिखर सम्मेलन, आभासी वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकें, आभासी बहुपक्षीय बैठकें अब मंत्रालय की कार्यप्रणाली सामान्य हिस्सा हैं।
कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य डॉo वीo केo पॉल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सचिव राजेश भूषण, विदेश मंत्रालय के ईआर के सचिव दम्मू रवि, भारतीय विश्व मामलों की परिषद के महानिदेशक अम्ब. विजय ठाकुर सिंह के अलावा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।