नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अगले माह तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श करेंगे। इस बारे में बुधवार को विदेश मंत्रालय में पश्चिमी सचिव संजय वर्मा ने एक विशेष पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी दी है।
राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन और लोकसभा सांसद दिलीप घोष भी मौजूद रहेंगे।
पश्चिमी सचिव वर्मा ने कहा कि तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति के आमंत्रण पर राष्ट्रपति कोविंद एक से चार अप्रैल तक वहां रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह भारत के राष्ट्रपति का पहला तुर्कमेनिस्तान दौरा होगा। वर्मा ने कहा कि इस दौरान राष्ट्रपति तुर्कमेनिस्तान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सरदार बेर्दीमुहामेदोव के साथ बातचीत भी करेंगे, जिन्होंने हाल ही में राष्ट्रपति की कमान संभाली है।
पश्चिमी सचिव वर्मा ने बतया कि राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय वार्ताएं भी आयोजित होंगी। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन, वित्तीय इंटेलिजेंस, संस्कृति और युवा मामलों में सहयोग कार्यक्रम पर समझौता ज्ञापन को लेकर एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा। दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने पर एक संयुक्त डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।
तुर्कमेनिस्तान की यात्रा करने के बाद राष्ट्रपति कोविंद किंग विलेम अलेक्जेंडर और क्वीन मैक्सिमा के निमंत्रण पर 4 से 7 अप्रैल तक नीदरलैंड के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह नीदरलैंड के राजा और रानी के साथ प्रधानमंत्री मार्क रूट से भी मुलाकात करेंगे। यहां वह रामायण पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे। यात्रा के दौरान राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन और लोकसभा सांसद दिलीप घोष भी मौजूद रहेंगे।