जोहान्सबर्ग। यूरोप के कई देशों में कोविड-19 के संक्रमण मामलों में उछाल के बीच दक्षिण अफ्रीका के ‘बोत्सवाना’ में कोरोना वायरस का नया घातक संस्करण मिला है। ब्रिटिश विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के इस संस्करण को खतरे की घंटी बताया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड का यह नया संस्करण, वायरस का सबसे नया उत्परिवर्तित (म्यूटेंट) स्वरूप है।
दक्षिण अफ्रीका में पिछले साल कोविड वायरस के बीटा संस्करण का पता चला था। हालांकि अभीतक सबसे अधिक लोग डेल्टा संस्करण से संक्रमित हुए, जो पहली बार भारत में मिला था।
रिपोर्ट के अनुसार बोत्सवाना में मिला कोविड वायरस के नए संस्करण में 32 बार म्यूटेट (उत्परिवर्तित) होते हैं, जिनमें से कई तेजी से फैलने वाला और वैक्सीन प्रतिरोधी है। इसके अलावा स्पाइक प्रोटीन में किसी भी अन्य प्रकार की तुलना में तेजी से बदलाव होता है।
केवल 10 मामलों में स्ट्रेन का अबतक पता चला है, जिसे ‘एनयू’ नाम दिया गया है। लेकिन इसे पहले ही तीन देशों में देखा जा चुका यह संस्करण तेजी से फैलने के साथ ही इसकी व्यापकता अधिक है। फिलहाल भारत में इसका कोई केस नहीं है लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस पर नजर रखी जा रही है।
एक रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक आनुवंशिकी विद् प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स के हवाले से कहा कि एक मरीज में नया संस्करण उभरा है, संभवत: यह स्ट्रेन ऐसे मरीज से म्यूटेट हुआ है जिसके एड्स होने का पता नहीं चला था।
स्पाइक में बदलाव से मौजूदा वैक्सीन के लिए लड़ना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि वे वायरस के पुराने संस्करण की प्रतिरक्षा प्रणाली से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे पहले इसके प्रसार को देखने वाले इंपीरियल कॉलेज के एक वायरोलॉजिस्ट डॉ. टॉम पीकॉक ने इस वेरिएंट के म्यूटेशन से होने वाले संयोजन को ‘भयानक’ बताया है। उन्होंने चेतावनी दी कि बी.1.1.1.529, (वैज्ञानिक नाम), डेल्टा वैरिएंट सहित लगभग किसी भी हालात को बदतर करने की क्षमता रखता है।
वैज्ञानिकों ने मेल ऑनलाइन को बताया कि इसकी अभूतपूर्व संख्या में उत्परिवर्तन इसके खिलाफ काम कर सकते हैं और इसे ‘अस्थिर’ बना सकते हैं, जिससे इसे व्यापक होने से रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी तक इसके तेजी से फैलने के कोई संकेत नहीं मिल रहा है।
बोत्सवाना में अब तक तीन और दक्षिण अफ्रीका में छह संक्रमण पाए गए हैं, जहां इस पर नजर रखी जा रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हांगकांग में एक 36 वर्षीय व्यक्ति में भी एक मामला देखा गया है, जो हाल ही में महाद्वीप से लौटा है।
ब्रिटेन में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी इस पर नजर रख रही है।