लाहौर। पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के साथ इमरान सरकार की बातचीत बेनतीजा होने के बाद से हालात बिगड़ गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बुधवार को टीएलपी के कट्टरपंथी इस्लामी समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प में एक पुलिसकर्मी समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है। यही नहीं इस्लामी कट्टरपंथियों ने इस्लामाबाद जाने का एलान कर दिया है जिससे इमरान सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इसका कारण इमरान खान सरकार द्वारा पार्टी प्रमुख साद रिजवी को रिहा करने और फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की टीएलपी समर्थकों की मांगों को खारिज कर देना है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा है कि सरकार फ्रांसीसी राजदूत को निकालने की टीएलपी की मांग को पूरा नहीं कर सकती है। सरकार के रुख को देखकर टीएलपी ने भी लड़ाई तेज करने का ऐलान किया है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस्लामाबाद को छावनी में तब्दील करने का फैसला किया है।
टीएलपी के आह्वान पर प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद की ओर मार्च शुरू कर दिया है। टीएलपी के ये समर्थक पिछले तीन दिनों से जीटी रोड पर मुरीदके और गुजरांवाला के बीच डेरा डाले हुए थे।
टीएलपी संस्थापक दिवंगत खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को पंजाब सरकार ने पिछले अप्रैल से सार्वजनिक व्यवस्था (एमपीओ) के तहत हिरासत में लिया है। टीएलपी समर्थक साद रिजवी की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
बताया जाता है कि लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर साधोक में बुधवार को इस्लामवादियों और पुलिस के बीच उस समय झड़प हो गई जब हजारों प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे थे। जब टीएलपी कार्यकर्ता साधोक पहुंचे तो पुलिस ने बलपूर्वक रोका जिसके बाद यह इलाका युद्ध का मैदान बन गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
झड़पों में पुलिसकर्मियों सहित कई टीएलपी कार्यकर्ता घायल हो गए हैं। पंजाब के मुरीदके से गुजरांवाला इलाकों तक सेलफोन और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद की ओर जाने से रोकने के लिए लाहौर से 10 हजार पुलिसकर्मियों का एक नया जत्था बुलाया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि झड़पों में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं जबकि एक की मौत हो गई है।