नई दिल्ली। ”समय के साथ मीडिया की भूमिका बदली है। आज पारंपरिक मीडिया स्वयं को डिजिटल मीडिया में परिवर्तित कर रहा है। इस ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ को अगर कोई चला रहा है, तो वो चार ‘C’ हैं । इन चार ‘C’ का मतलब है, Content (कंटेट), Communication (कम्युनिकेशन), Commerce (कॉमर्स) और Context (कॉन्टेक्स्ट)। जब ये चारों ‘C’ मिलते हैं, तब ये ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ पूरा होता है।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने आईआईएमसी के नवागत विद्यार्थियों से संवाद के दौरान व्यक्त किए।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि हमें भारत को सिर्फ बीपीओ और आउटसोर्सिंग के जरिए तकनीकी विश्व शक्ति नहीं बनाना है, बल्कि उसे एक ज्ञान समाज में तब्दील करना है। तकनीक भारत में सामाजिक परिवर्तनों तथा आर्थिक विकास का निरंतर चलने वाला जरिया बन सकती है और भारतीय भाषाओं की इसमें बड़ी भूमिका होने वाली है।
आईआईएमसी के महानिदेशक ने कहा कि भाषाई मीडिया को हम भारत की आत्मा कह सकते हैं। आज लोग अपनी भाषा के मीडिया की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। इसलिए भाषाई मीडिया का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इंटरनेट के द्वारा जहां सूचना तंत्र मजबूत हुआ है, वहीं भाषाई मीडिया के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।
प्रो. द्विवेदी के अनुसार विद्यार्थियों की सफलता ही किसी संस्थान, उसके शिक्षकों और प्रबंधकों की सफलता है। सिर्फ पत्रकार तैयार करना हमारा लक्ष्य नहीं है। हम चाहते हैं कि हम ग्लोबल लीडर्स पैदा करें, जो आने वाले दस वर्षों में पत्रकारिता और जनसंचार की दुनिया में सबसे बड़े और वैश्विक स्तर के नाम बनें।
कार्यक्रम का संचालन डीन (छात्र कल्याण) प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. (डॉ.) अनुभूति यादव ने किया। आईआईएमसी के सभी केंद्रों के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया।