नई दिल्ली। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अपनी यात्रा के तीसरे दिन यानी 4 अक्टूबर को श्रीलंका प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात की और उनसे बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने पर ‘सकारात्मक बातचीत’ की। श्रृंगला ने श्रीलंका के विदेश मंत्री प्रो. जी. एल. पेइरिस के साथ संयुक्त रूप से आवास और शिक्षा क्षेत्र की चार परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने बताया कि ये परियोजनाएं भारत की सहायता से पूरी की गई, जो श्रीलंका में भारत के मजबूत और बहुआयामी विकास साझेदारी का एक बेहतरीन उदाहरण है।
यात्रा के दौरान विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री राजपक्षे के समक्ष तमिल मुद्दे को भी उठाया
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार श्रृंगला ने कहा कुछ समय पहले ही मैंने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ बहुत सकारात्मक वार्ता की। वह भारत के प्रगाढ़ मित्र हैं और भारत-श्रीलंका साझेदारी को गहन करने के लिए समर्थन का सतत स्रोत हैं। विदेश सचिव ने कहा कि वह राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से अपनी मुलाकात को लेकर उत्सुक हैं।
श्रीलंकाई तमिल राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी श्रृंगला ने की मुलाकात
ऐसा बताया जा रहा है कि विदेश सचिव ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के साथ तमिल मुद्दे को भी उठाया और श्रीलंका के संविधान में 13वें संशोधन को तत्काल लागू करने की आवश्यकता पर चर्चा की। भारत-श्रीलंका समझौते के तहत 1987 में भारतीय हस्तक्षेप के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 13वां संशोधन स्थानीय क़ानून का हिस्सा बन गया था। यह एक प्रांतीय परिषद प्रणाली की स्थापना और श्रीलंका में नौ प्रांतों को सत्ता के हस्तांतरण का प्रस्ताव है। हालांकि, श्रीलंका की किसी भी सरकार ने इसे लागू नहीं किया है।
प्रधानमंत्री राजपक्षे अलावा विदेश सचिव श्रृंगला ने विदेश मंत्री जीएल पेइरिस और वित्तमंत्री बेसिल रकापक्षे के साथ भी बैठकें की। इसके बाद उन्होंने ने तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए), तमिल प्रोग्रेसिव एलायंस और सीलोन वर्कर्स कांग्रेस (सीडब्ल्यूसी) जैसे श्रीलंकाई तमिल राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। इस दौरान विदेश सचिव श्रृंगला ने 13 वें संशोधन के पूर्ण कार्यान्वयन के माध्यम से तमिलों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
आवास से जुड़ी इस परियोजना का विदेश सचिव ने किया उद्घाटन:
आवास परियोजना श्रीलंका में भारत की सबसे बड़ी अनुदान सहायता परियोजना का एक हिस्सा है, जिसमें द्वीपीय देश के विभिन्न जिलों में 1,372 करोड़ रुपये की लागत से 50,000 घरों का निर्माण किया गया है। आईएचपी के तीसरे चरण के तहत कुल 4,000 घर बनाए जाने हैं। इनमें से 3500 से अधिक घरों का निर्माण पूरा हो चुका है, लगभग 400 घरों का निर्माण कार्य चल रहा है और 63 घरों का निर्माण शुरू होना बाकी है। तीसरे चरण के तहत तैयार किए गए 1,235 घरों को विदेश सचिव ने अपनी यात्रा के दौरान लोगों को सौंपा।
27 स्कूलों का रेनोवेशन करा रहा है भारत:
वडा सेंट्रल लेडीज कॉलेज उत्तरी प्रांत में है और श्रीलंका में बेहतर शैक्षिक बुनियादी ढांचे के लिए भारत सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता के अनुरूप है। 35 करोड़ श्रीलंकाई रुपये की लागत से अनुदान सहायता परियोजना के रूप में भारत सरकार द्वारा उत्तरी प्रांत में 27 स्कूलों के रेनोवेशन के लिए एक परियोजना शुरू की गई। 27 स्कूलों में से 22 स्कूल भवन बनकर तैयार हो चुके हैं और उन्हें सौंपे जा चुका है। वडामराची में वडा सेंट्रल लेडीज कॉलेज उन 27 स्कूलों में से एक है, जिन्हें इस यात्रा के दौरान रेनोवेशन के लिए सौंपा गया।
यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों और सामुदायिक विकास के मुद्दों को मजबूत करना:
विदेश सचिव श्रृंगला की यात्रा के दौरान उद्घाटन की गई एक अन्य प्रमुख परियोजना कैंडी जिले में पुसेल्लावा में सरस्वती सेंट्रल कॉलेज है। इसमें साइंस लैब को समायोजित करने के लिए एक नए भवन का निर्माण, लेक्चर हॉल, स्कूल के मौजूदा बुनियादी ढांचे का रेनोवेशन और आईसीटी उपकरण और फर्नीचर की आपूर्ति शामिल। विदेशक सचिव श्रृंगला की चार दिवसीय यात्रा द्विपक्षीय संबंधों और सामुदायिक विकास के मुद्दों को और मजबूत करने पर केंद्रित है।