लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना (ललितपुर), रतौली बांध परियोजना (महोबा) के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा, उन्होंने मसगांव एवं चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना (हमीरपुर), कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना (महोबा) सहित बबीना ब्लॉक के 15 ग्रामों में सिंचाई सुविधा सम्बन्धी परियोजना (झांसी) की भी समीक्षा की। उन्होंने इन सभी परियोजनाओं के शेष कार्यों को हर हाल में माह नवम्बर तक पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए, जिससे सम्बन्धित क्षेत्रों की जनता को इन परियोजनाओं का शीघ्र लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से लम्बित सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना अब पूर्णता की ओर हैं। इनके शेष कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराया जाए। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा आदि जनपद लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए। परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पंचनद सिंचाई परियोजना के प्रस्ताव पर शीघ्रता से कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के चैनलाइजेशन का कार्य निरन्तर जारी रहे और आगामी वर्ष हेतु बाढ़ बचाव के कार्यों की तैयारी अभी से सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा किए गए कार्यों के दृष्टिगत इस वर्ष बाढ़ से होने वाले क्षति को व्यापक स्तर पर नियंत्रित करने में सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने अवगत कराया कि सरयू नहर परियोजना से सम्बन्धित सरयू बैराज एवं राप्ती बैराज पूर्ण हो चुके हैं। शेष कार्यों को भी निर्देशों के क्रम में समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कराया जाएगा। अर्जुन सहायक परियोजना से महोबा, हमीरपुर एवं बांदा जनपद लाभान्वित होंगे। इस परियोजना के तहत अर्जुन फीडर चैनल, कबरई फीडर चैनल, चन्द्रावल बांध भरने हेतु स्केप चैनल, कबरई बांध उच्चीकरण, कबरई मुख्य नहर एवं वितरण प्रणाली सम्बन्धी कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। शेष कार्यों को नवम्बर माह तक पूर्ण करा लिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि 512.74 करोड़ रुपए लागत की भावनी बांध परियोजना (ललितपुर) से 3800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। रतौली बांध परियोजना (महोबा) की लागत 54.28 करोड़ रुपए है। इससे 1050 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। मसगांव एवं चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना (हमीरपुर) की लागत 18.27 करोड़ रुपए है। इससे 600 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन होगा। कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना (महोबा) की लागत 76.48 करोड़ रुपए है, जिसकी सिंचन क्षमता 2700 हेक्टेयर है। इसके अलावा, 246.84 करोड़ रुपए लागत की बबीना ब्लॉक के 15 ग्रामों में सिंचाई सुविधा सम्बन्धी परियोजना (झांसी) के पूर्ण हो जाने पर 4400 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता सृजित होगी। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य माह नवम्बर में निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के अनुसार कार्य प्रगति पर है। यह सभी परियोजनाएं निर्धारित समय पर पूर्ण हो जाएंगी।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, जल शक्ति राज्यमंत्री श्री बलदेव ओलख, अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन श्री टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री राधा एस0 चौहान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।