कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

लखनऊ। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत 24 घंटे में हुई 01 लाख 69 हजार 500 सैम्पल की टेस्टिंग में 71 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया। मात्र 04 जनपदों में 07 नए संक्रमित मरीज पाए गए। इसी अवधि में 06 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 176 रह गई है। 16 लाख 86 हजार 712 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है। ऐसे में दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश आ रहे लोगों की कोविड जांच सुनिश्चित कराएं।

कोविड से बचाव के लिए प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। 55 फीसदी से अधिक लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है। दूसरी डोज लगाने के लिए विशेष अभियान की जरूरत है। इस दिशा में नियोजित कार्यवाही की जाए।

लगातार कोशिशों से कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के बीच जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। आज प्रदेश के 31 जनपदों (अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बागपत, बलिया, बांदा, बहराइच, बिजनौर, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, कानपुर देहात, कासगंज, महोबा, मीरजापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सीतापुर और सोनभद्र) में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। अब तक 07 करोड़ 79 लाख 68 हजार 360 सैम्पल की कोविड जांच की जा चुकी है। औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि दैनिक पॉजिटिविटी दर 0.01 से भी कम और रिकवरी दर 98.8 फीसदी है।

प्रदेश में रामलीला आयोजन की समृद्ध परंपरा रही है। नवरात्र, दशहरा व दीपावली का पर्व समीप है, ऐसे में रामलीला कमेटियों की तैयारियां प्रारंभ हो रही होंगी। लोगों की सांस्कृतिक-धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाए। कमेटियों से संपर्क-संवाद स्थापित करते हुए उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन के लिए प्रेरित करें। रामलीला आयोजन खुले मैदान में हो। मैदान की क्षमता के अनुरूप दर्शकों को सहभाग करने की अनुमति दी जाए।

उद्योग बंधु की बैठक नियमित होनी चाहिए। प्रत्येक जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, व्यापार व उद्योग विभाग द्वारा माह में एक बार तथा मंडलायुक्त व आईजी/डीआईजी स्तर से दो माह में एक बार व्यापारिक संगठनों के साथ अनिवार्य रूप से बैठक की जाए। ज्यादातर समस्याओं का हल स्थानीय से ही निकल सकता है। जो मामले स्थानीय स्तर पर हल न हो सकें, उन्हें शासन को संदर्भित करें। इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ कोशिश की जाए।

डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों से प्रभावित नए मरीजों की संख्या में अपेक्षित गिरावट आ रही है। अस्पतालों में अतिरिक्त बेड, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाइयां, जांच उपकरण आदि की व्यवस्था की गई है। जरूरत के अनुसार इसमें और बढ़ोतरी की जाए। वायरल बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक इंतज़ाम किए जाएं। बुखार/दस्त/डायरिया आदि की दवाइयां वितरित की जाएं। सर्विलांस को और बेहतर किए जाने की जरूरत है। स्वच्छता/फॉगिंग/सैनीटाइजेशन का अभियान जारी रखा जाए।

प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था-सुधार की जरूरत है। चोकर व हरे चारे का पर्याप्त प्रबंध किया जाए। हर निराश्रित गो-आश्रय स्थल पर केयर-टेकर की तैनाती जरूर हो। कीचड़/जल जमाव की स्थिति न बने। आश्रय स्थलों के शेड ठीक हों। गोवंश के रखरखाव में स्थानीय जनसहभागिता को प्रोत्साहित करें। यदि दुर्व्यवस्थाओं के कारण गोवंश की मृत्यु हुई तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है।

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