काबुल। अफगानिस्तान की सत्ता में 20 साल बाद वापसी करने वाला तालिबान अब लोगों के पासपोर्ट और पहचान पत्र बदलेगा। तालिबान ने घोषणा की है कि वे पिछली सरकार द्वारा जारी किए गए अफगान पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र बदल देंगे। साथ ही यह भी कहा कि ये दस्तावेज कुछ समय के लिए मान्य होंगे। इसकी जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी।
खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने तालिबान के सूचना और संस्कृति के उप मंत्री और प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद का हवाला देते हुए बताया कि यह संभव है कि अफगान पासपोर्ट और एनआईडी में ‘अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात’ नाम हो। मुजाहिद ने यह भी कहा कि पिछली सरकार द्वारा जारी किए गए दस्तावेज अभी भी देश के कानूनी दस्तावेजों के रूप में मान्य हैं।
समाचार एजेंसी के अनुसार, अफगानिस्तान में पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र विभाग अभी भी बंद हैं और केवल वे ही इन दस्तावेजों को प्राप्त कर सकते हैं जिन्होंने अपना बायोमेट्रिक्स प्रक्रिया पूरा कर लिया है। बता दें कि सत्ता में आने के बाद तालिबान लगातार कुछ न कुछ बदलाव कर रहा है। बीते दिनों उसने महिलाओं की मिनिस्ट्री खत्म कर दी और उसे प्रार्थना और मार्गदर्शन मंत्रालय बना दिया। वहीं उसने कहा है तालिबान में शरिया कानून लाएगा, जिसमें हाथ काटने से लेकर फांसी जैसी बर्बर सजा का प्रावधान है।
तालिबान द्वारा फांसी और हाथ और शरीर काटने जैसी सजाएं फिर शुरू किये जाने की चेतावनी के एक दिन बाद संगठन ने इस पर अमल भी कर दिखाया। चार लोगों के शवों को बड़ी क्रूरता से क्रेन के माध्यम से चौराहों पर लटका दिया गया। गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से तालिबान अपने पिछले कार्यकाल की तुलना में नरम शासन का वादा करता रहा है लेकिन देश भर से मानवाधिकारों के हनन की कई खबरें पहले ही सामने आ चुकी हैं।