2021 के अंत में भारत की यात्रा पर आएंगे वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह

2021 के अंत में भारत की यात्रा पर आएंगे वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह

नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी) वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह इस साल दिसंबर में भारत आएंगे। अप्रैल 2021 में कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे। यह जानकारी वियतनाम के राजदूत फाम सान चाऊ ने दी।

राष्ट्रीय राजधानी के चाणक्यपुरी में वियतनाम के संस्थापक की प्रतिमा का किया अनावरण

राष्ट्रीय राजधानी के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित राजनयिक एन्क्लेव के कौटिल्य मार्ग पार्क में बुधवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें वियतनाम के संस्थापक पिता और राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की प्रतिमा का अनावरण विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और वियतनाम के राजदूत चाऊ ने किया। भारत में हो ची मिन्ह की यह दूसरी प्रतिमा है। पहली कोलकाता में है।

वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का होगा अनावरण

कार्यक्रम में वियतनाम के राजदूत फाम सान चाऊ ने कहा, “वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह 2021 के अंत में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं। इस दौरान वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारी द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे।

वियतनाम के राजदूत चाउ ने बताया कि वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण इसी दो साल अक्टूबर को उनकी 152वीं जयंती के अवसर पर किया जाएगा। शहर का नाम 1975 में जब वियतनाम का एकीकरण हुआ तो राष्ट्रपति हो ची मिन्ह के नाम पर रखा गया था। उन्होंने कहा महात्मा गांधी की प्रतिमा हो ची मिन्ह शहर के सबसे खुले और खूबसूरत पार्क ताओ दान में खड़ी होगी। क्या यह संयोग है? नहीं, यह नियति है। एक नियति जिसने मानव जाति के दो महापुरुषों को उनके विचारों में एक साथ लाया, जिसने वियतनामी और भारतीय लोगों को एक साथ लाया। वे हमेशा एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे, हैं और रहेंगे।

वियतनाम के राजदूत चाउ ने बताया कि राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की प्रतिमा भारत और वियतनाम के 2,000 साल से भी ज्यादा समय से चली आ रही सौहार्दपूर्ण संबंधों की गहराई और मजबूती की याद के रूप में हमेशा खड़ी रहेगी, जब बौद्ध धर्म भारत से वियतनाम तक फैलना शुरू हुआ था। उन्होंने कहा, ”अंकल हो ने भारत और भारतीय नेताओं के साथ अपने अनुभव के बारे में 60 से अधिक लेख, शोध पत्र, कविताएं, पत्र, टेलीग्राफ संदेश और भाषण लिखे हैं।

कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री लेखी ने कहा, ”जिस तरह से महात्मा गांधी और भारत, वियतनामी लोगों के दिलों में रहते हैं, हो ची मिन्ह भी हमारे हीरो हैं। वह हमारे दिलों में रहते हैं। उन्होंने कहा राष्ट्रपति हो ची मिन्ह को सम्मान देने का मुझे अवसर मिला इसके लेकर मैं काफी खुश हूं। देश के प्रति उनके प्रेम ने वियतनाम-भारत संबंधों की नींव रखी। आज दोनों देशों के बीच राजनीति, कूटनीति, अर्थशास्त्र, रक्षा-सुरक्षा, शिक्षा प्रशिक्षण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के बीच का संबंध है।

विदेश राज्य मंत्री लेखी कहा दोनों देशों की वर्तमान राजनीतिक संरचना अलग हो सकती है, लेकिन हम एक मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बंधन साझा करते हैं। उन्होंने कहा दोनों देश हजारों वर्षों से अपना इतिहास साझा करते रहे हैं। उस समय, भारत और वियतनाम की सीमा एक सन्निहित सीमा रही होगी। और आज भी, हमारे दिल और दिमाग में कोई सीमा नहीं है।

बता दें कि इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी ने फाम मिन्ह चिन्ह से टेलीफोन पर बातीचत करते हुए उन्हें वियतनाम का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उपयुक्त तारीख पर भारत की यात्रा के लिए उन्हें आमंत्रित किया था। टेलीफोनिक बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया था कि फाम मिन्ह चिन्ह के साथ भारत-वियतनाम की व्यापक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी।

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