नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण के तहत भारत ने वियतनाम को चिकित्सा सहायता आपूर्ति की है। भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस ऐरावत यह मदद लेकर सोमवार को हो ची मिन्ह सिटी बंदरगाह पहुंच गया है। जहाज पांच आईएसओ कंटेनरों में 100 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और प्रत्येक के साथ 10 एलपीएम क्षमता के 300 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लेकर वियतनाम पहुंचा है।
सरकार के इस कदम को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण की व्यवहारिकता बताया।
विदेश डॉ. एस. जयशंकर ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी है। ट्वीट में उन्होंने कहा कि आईएनएस ऐरावत ऑक्सीजन आपूर्ति के साथ वियतनाम पहुंचा।’उन्होंने सरकार के इस कदम को हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण की व्यवहारिकता बताया। भारत की इस मदद से वियतनाम सरकार को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहायता मिलेगी।
इससे पहले 24 अगस्त को आईएनएस ऐरावत 10 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन कंटेनर लेकर इंडोनेशिया के तंजुंग प्रियक बंदरगाह पर पहुंचा था। जहां भारत के राजदूत मनोज के भारती ने इंडोनेशिया सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय के क्राइसिस सेंटर के कार्यवाहक प्रमुख बीपीके सुमरज्या को यह मानवीय सहायता सौंपी थी।
वहीं 25 अगस्त को भारत ने श्रीलंका को भी 100 टन ऑक्सीजन पहुंचाया था। इस तरह से मात्र एक सप्ताह में भारत ने इस द्वीपीय देश को 280 टन ऑक्सीजन पहुंचा दिया था। उम्मीद ये भी है कि आने वाले दिनों और हफ्तों में भारत कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में श्रीलंका को और चिकित्सा सहायता भेजेगा।
बता दें कि भारत हिंद-महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा है और भारतीय नौसेना इस क्षेत्र की पूरी सीमा (दक्षिण-पूर्व एशिया से पूर्वी अफ्रीका तक) में फैले मानवीय मिशनों में सबसे आगे रही है। बताया जा रहा है कि आईएनएस ऐरावत हो ची मिन्ह सिटी बंदरगाह पर चिकित्सा आपूर्ति उतारने के बाद वहां से प्रस्थान करेगा और चल रहे मिशन सागर के हिस्से के रूप में इस क्षेत्र के अन्य मित्र देशों को चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करना जारी रखेगा।