काबुल। अफगानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर गुरुवार को आत्मघाती हमले के बाद अमेरिका ने शुक्रवार को एक बार फिर एक अलर्ट जारी करते हुए कहा कि यहां और भी आतंकी हमले होने की संभावना है। ऐसे में अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक होंगे।
अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान के बीच व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार निकासी अभियान के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक होने की संभावना है। पिछले दो हफ्तों में एक लाख से अधिक लोग देश से बाहर ले जाया गया है।
अमेरिकी मीडिया के हवाले कहा गया है कि गुरुवार को एयरपोर्ट के गेट के पास हुए हमले में मरने वालों की संख्या कहीं अधिक थी, जहां तालिबान द्वारा 15 अगस्त को देश पर नियंत्रण करने के बाद से हवाई अड्डे के अंदर और निकासी उड़ानों पर जाने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए हैं।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि हवाई अड्डे पर अभी भी खतरा है और हम भविष्य के खतरे के लिए तैयार हैं। आशंका है कि यहां और भी हमले हो सकते हैं। किर्बी ने वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा कि हम इन खतरों की बेहद सजगता से निगरानी कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा निर्धारित 31 अगस्त की समय सीमा तक अफगानिस्तान से अमेरिकी और संबद्ध सेनाएं की वापसी की समय सीमा को निरस्त करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि अपने नागरिकों और देश से बाहर जाने वाले अफगानों की निकासी का काम पूरा किया जा सके।
इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस ने कहा कि आत्मघाती हमलावर ने तालिबान और पश्चिम को, अमेरिकी सेना के अनुवादकों और सहयोगियों को निशाना बनाया था। पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि हमला एक आत्मघाती हमलावर ने किया है न कि पहले जैसा माना जा रहा था कि दो आत्मघाती हमलावर थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट में हुए धमाके में मारे गए अफगानों की संख्या बढ़कर 79 हो गई है। अस्पताल के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि 120 से अधिक घायल हुए थे। तालिबान के एक अधिकारी ने कहा कि मृतकों में 28 तालिबान सदस्य शामिल हैं। हालांकि एक प्रवक्ता ने बाद में इस बात से इनकार किया कि हवाई अड्डे की रक्षा करने वाला उनका कोई भी लड़ाका मारा गया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स सहित कुछ अमेरिकी मीडिया ने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि हमले में अमेरिकी सैनिकों सहित 170 से अधिक लोग मारे जाने की बात कह रहे हैं।