वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि जब तक अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान से पूर्ण रूप से बाहर नहीं आ जाते तब तक अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में ही रहेंगे।
अमेरिकी ब्रॉडकास्टिंग कंपनी को दिए साक्षात्कार में बाइडेन ने कहा कि अमेरिका अपने हर नागरिक को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है चाहे इसके लिए इस मिशन को 31 अगस्त की समय सीमा से आगे ही क्यों न बढ़ाना पड़े। बाइडेन का यह बयान तब आया जब काबुल हवाईअड्डे से 5,000 लोगों को निकाला जा चुका है।
दरअसल अन्य देशों की तरह अमेरिका भी संकटग्रस्त अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को बाहर निकाल रहा है। अमेरिका के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने अफगानिस्तान में खतरनाक स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि अमेरिकी सैनिक वहां खतरे में हैं और देश को उनपर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे पर सुरक्षा की स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन अभी भी खतरा है और उसकी निगरानी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि तालिबान ने राजधानी काबुल समेत अधिकतर प्रांतों पर कब्जा कर लिया है। विभिन्न देशों के नागरिक वहां पर फंसे हुए हैं और अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग रहे हैं। राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण लिए हुए हैं। यूएई ने बुधवार देर रात को कहा था कि उसने अशरफ गनी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया है। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि गनी देश में कहां हैं।