नई दिल्ली। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर भी तालिबान के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के ताजिकिस्तान अथवा उज्बेकिस्तान में होने की सूचना है। वैसे अल-जजीरा टीवी ने अशरफ गनी, उनकी बीवी और प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में होने की सूचना दी है।
अफगानिस्तान में अशरफ गनी के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अफगानिस्तान हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकंसिलिएशन के चैयरमेन अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने यह जरूर कहा है कि अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया है। यह काउंसिल तालिबान से बातचीत के लिए गठित की गयी थी।
इस बीच उप राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह भी काबुल में नहीं हैं। उन्होंने देश छोड़ दिया है अथवा अफगानिस्तान में ही कहीं छिपे हैं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। उधर, अशरफ गनी ने एक फेस बुक पोस्ट जारी करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान को छोड़ना एक कठिन फैसला था। इस पोस्ट में देश के नागरिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि काबुल में रक्तपात रोकने के लिए यह जरूरी था। उनके रहते जो महल (राष्ट्रपति निवास) के साथ राजधानी में भी कड़ा संघर्ष हो सकता था। अपनी पोस्ट में अशरफ गनी ने भावुकता भरे अंदाज में लिखा है, “सशस्त्र तालिबान जो महल में दाखिल होना चाहते थे, तब मुझे तय करना था कि उनके सामने खड़ा हो जाऊं या फिर जिस अपने प्यारे मुल्क की मैंने 20 साल तक सुरक्षा में अपनी जिंदगी लगा दी, उसे छोड़ दूं।” उनका आशय यही है कि अवाम की सुरक्षा के लिए उनका देश छोड़ना जरूरी था।
तालिबान के काबुल पर नियंत्रण के साथ ही पता चला था कि अफगानिस्तानी राष्ट्रपति भागकर ताजिकिस्तान पहुंचे हैं। बाद में अल-जजीरा टीवी ने अशरफ गनी, उनकी बीवी और प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के उज्बेकिस्तान में होने की सूचना दी। टीवी ने बताया कि ये तीनों उज्बेक राजधानी ताशकंद में हैं।
तकनीक विशेषज्ञ अशरफ गनी अफगानिस्तान के चर्चित शिक्षाविद् रहे हैं। वे अधिकतर देश के बाहर ही रहे और कई वर्षों तक चले युद्ध के बाद देश के पुनर्निर्माण में योगदान करने वापस आए। हालांकि वह ऐसा दौर था, जब विदेशी सेनाएं वापस जाने लगी थीं। गनी दो बार 2014 और 2019 में अपने देश के राष्ट्रपति चुने गये।