काबुल। तालिबान द्वारा गजनी और फराह प्रांत पर कब्जा कर लेने से अफगान शासन की मुश्किल और बढ गई है। गजनी पर कब्जा करने के बाद तालिबान अब काबुल से मात्र 150 किलोमीटर रह गया है। वहीं, तालिबान से जान बचाकर भागकर काबुल पहुंचे गजनी के गवर्नर दाऊद लघमनी और अन्य अधिकारियों को अफगान सेना ने गिरफ्तार कर लिया है। इसकी पुष्टि अफगान प्रशासन ने की है।
अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्टानिकजई ने बताया कि तालिबान के साथ सांठगांठ कर गजनी पर आतंकियों का कब्जा होने दिया। गजनी के गवर्नर दाऊद लघमनी, उनके डिप्टी और कुछ अन्य स्थानीय अधिकारियों को अफगान सुरक्षा बलों ने मैदन वरदक प्रांत में गिरफ्तार किया है। गजनी अफगानिस्तान का बड़ा शहर है और तालिबान के इसपर कब्जा होने के बाद अफगान सरकार और सेना के मनोबल पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तालिबान ने गजनी पर कब्जे के बाद प्रांतीय गवर्नर दाऊद लघमनी और राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख को काबुल जाने की अनुमति दी थी। हालांकि, उनको छोड़ने से पहले आतंकियों ने गवर्नर के अंगरक्षकों को कथित तौर पर निहत्था कर दिया जिसके बाद आपसी समझौते के आधार पर उन्हें काबुल जाने को कहा गया।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि लड़ाकों ने राष्ट्रीय पुलिस मुख्यालय, केंद्रीय जेल और अन्य सरकारी बलों की सुविधाओं पर नियंत्रण कर लिया है।
इस बीच, फराह के प्रांतीय गवर्नर के साथ चार सरकारी अधिकारियों ने भी तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और बाद में दावा किया गया कि उन्हें प्रांत में राष्ट्रीय पुलिस मुख्यालय ले जाया गया है। अफगान सरकार ने अभी इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ऐसे में सरकारी अधिकारियों के तालिबान के सामने घुटने टेकने से अफगान सरकार सकते में है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी एक दिन पहले पत्रकारों से कहा था कि अमेरिकी सैनिकों ने पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान की सहायता के लिए वह सब कुछ किया है जो वे कर सकते थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें (अफगान लोगों) अपने लिए, अपने देश के लिए लड़ना होगा। अमेरिका सीमित हवाई हमलों के साथ अफगान सेना का समर्थन कर रहा है, लेकिन इससे अब तक कोई रणनीतिक बदलाव देखने को नहीं मिला है।