लंदन। दुनिया भर में कोरोना महामारी के कहर के बीच डेल्टा वेरिएंट मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। आज विश्व के अधिकांश देशों में डेल्टा वेरिएंट के कारण कोविड संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट के प्रति लोगों की हर्ड इम्युनिटी भी विकसित नहीं होने के कारण हालात और भी चुनौतीपूर्ण हो गए हैं।
ब्रिटेन में कोरोना संकट पर आयोजित सर्वदलीय संसदीय समूह में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने मंगलवार को बताया कि इस अत्यधिक संक्रामक वायरस के फैलने का डर अब भी बना हुआ है। इसलिए डेल्टा वेरिएंट से बचने का तरीका ही सबसे अधिक कारगर है।
प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित करता है जिन्होंने कोविड-19 रोधी वैक्सीन भी लगवा ली है। मौजूदा हालात में डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हमारे पास कोई उपाय नहीं है। हम ऐसी स्थिति में हैं जहां इस वायरस के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी भी संभव नहीं है।
वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में औषधि के प्रोफेसर और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ पॉल हंटर ने भी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड की इस बात का समर्थन किया है।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ पॉल हंटर ने कहा कि मौजूदा वक्त में हर्ड इम्युनिटी की अवधारणा हासिल नहीं की जा सकती है। इस वायरस का संक्रमण टीका नहीं लगवाने वाले लोगों में भी फैलेगा। हालांकि उनका यह भी कहना था कि जिन्होंने कोविड रोधी वैक्सीन की दोनों डोज ली है उनमें संक्रमण के खिलाफ 50 फीसदी सुरक्षा होगी।