गुरुदेव का महाप्रयाणः कवि, साहित्यकार, दार्शनिक की वैश्विक पहचान रखने वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर का 7 अगस्त 1941 को निधन हो गया। बांग्ला साहित्य के जरिये भारतीय सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करने वाले रबींद्रनाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले एशिया के प्रथम व्यक्ति हैं। गुरुदेव के नाम सम्मानित टैगोर इकलौते कवि हैं जिनकी रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनीं- भारतीय राष्ट्रगान जन-गण-मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बांग्ला।
बचपन से ही मेधा के धनी रबींद्रनाथ ने पहली कविता आठ वर्ष की आयु में लिखी और केवल सोलह वर्ष की आयु में उनकी प्रथम लघुकथा प्रकाशित हुई। उन्होंने कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएं, यात्रा वृतांत, नाटक और गीत लिखे। उन्होंने 2230 गीतों की रचना की। रवींद्र संगीत बांग्ला संस्कृति का अभिन्न अंग है।
उन्होंने जीवन के आखिरी दिनों में पेंटिंग्स भी शुरू की जिसमें युग का संशय, मोह, निराशा के स्वर प्रकट हुए हैं। गुरुदेव ने ही गांधीजी को महात्मा की उपाधि दी थी। हालांकि गुरुदेव और गांधीजी में राष्ट्रीयता व मानवता को लेकर वैचारिक मतभेद रहा। गांधी के लिए राष्ट्रवाद मुख्य था तो टैगोर के लिए मानवता। इन मतभेदों के बावजूद दोनों के बीच गहन सम्मान का रिश्ता हमेशा बना रहा।
अन्य अहम घटनाएंः
1606ः शेक्सपियर के नाटक मैकबेथ का पहली बार मंचन।
1753ः ब्रिटेन म्यूजियम की स्थापना।
1905ः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया।
1944ः पहले कैलकुलेटर के नाम पर 8 फीट ऊंची और पांच टन वजन की एक विशाल मशीन का निर्माण।
1947ः मुंबई नगर निगम को बिजली और परिवहन व्यवस्था औपचारिक रूप से हस्तांतरित।
1972ः युगांडा के नेता इदी अमीन ने एशियाई मूल के लोगों को 90 दिनों के भीतर देश छोड़कर चले जाने का आदेश दिया।
1985ः गीत सेठी ने विश्व अमेच्योर बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप जीती। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह तीसरे भारतीय बने।