नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को दिल्ली के नांगल इलाके में कथित तौर पर बलात्कार और हत्या की शिकार लड़की के परिजनों से मिलने पहुंचे।
इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि वह केवल इतना समझते हैं कि उनका काम परिवार की मदद करना है। उन्होंने कहा कि परिवार जनों से बातचीत करने के बाद उन्हें केवल इतना ही लगा कि वे केवल न्याय चाहते हैं। उन्हें न्याय नहीं मिला इसलिए वे मदद चाहते हैं। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि वह उनके साथ खड़े हैं।
इस संबंध में मंगलवार को राहुल गांधी ने ट्विटर के माध्यम से इससे जुड़ा समाचार साझा करते हुए कहा था कि एक दलित की बेटी देश की बेटी है।
उल्लेखनीय है कि इस घटना ने धीरे-धीरे राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं। इसमें दिल्ली और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने बयान दिए हैं। दूसरी ओर दलित संगठन भी धीरे-धीरे मामले में एक्टिव होते दिखाई दे रहे हैं।
किशोरी की मां का आरोप है कि दिल्ली कैंट छावनी में श्मशान घाट में पानी भरने गई 9 वर्षीय उनकी बेटी के साथ श्मशान घाट के कुछ कर्मियों ने दुष्कर्म कर जबरन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में स्थानीय लोगों ने शव को जलने से रोका और पुलिस को सूचित किया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता इस संबंध में पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल उठा रहे हैं।
इसी बीच बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े राष्ट्रीय आयोग में स्वत संज्ञान लेते हुए दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखा है और 48 घंटे में मामले पर रिपोर्ट मांगी है। दक्षिण पश्चिमी जिले के उपायुक्त के आधिकारिक ट्वीट अकाउंट के जरिए इस संबंध में किसी भी तरह की अफवाह पर विश्वास न करने की अपील की गई है। उनका कहना है कि इस संबंध में आईपीसी, एससी-एसटी एक्ट और पोस्को के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है। एसीपी रैंक का अधिकारी मामले की जांच करेगा। सभी आरोपी फिलहाल जेल में है।
डीसीपी का कहना है कि किशोरी के बाकी बचे शरीर का पोस्टमार्टम किया गया। डॉक्टर मृत्यु के कारण के बारे में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं। इस संबंध में सभी तरह की सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।