वॉशिंगटन। चीन के वुहान स्थित लैब से कोरोना वायरस के लीक होने का एक बार फिर से दावा किया गया है। दावे के मुताबिक चीन के वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस में बदलाव करते समय ऐसा हुआ ताकि इस वायरस से मानव को संक्रमित किया जा सके।
यह दावा अमेरिकी रिपब्लिकन की एक रिपोर्ट में किया गया है जिसमें कोरोना वायरस चीन के रिसर्च लैब से लीक होना बताया गया है। रिपोर्ट में पर्याप्त सबूत की बात भी कही गई है जिसमें वुहान संस्थान ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवाई) के वैज्ञानिक अमेरिकी विशेषज्ञों, चीनी और अमेरिकी सरकार के फंड से सहायता प्राप्त मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए कोरोना वायरस को मोडिफाइ करने के लिए काम कर रहे थे।
सदन में शीर्ष रिपब्लिकन नेता और विदेश मामलों की समिति के प्रतिनिधि माइक मैककॉल ने पैनल की रिपोर्ट जारी करते हुए कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति की जांच का आग्रह किया। हालांकि चीन ने आनुवांशिक रूप से मोडिफाई कोरोना वायरस के लीक होने से इनकार किया है। कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर पहले भी ऐसे कई दावे किया गए हैं लेकिन अभी तक सच्चाई सामने नहीं आ पाई है। दूसरी ओर चीन अपने पर लगे आरोपों से इनकार करता रहा है।
रिपब्लिकन ने रिपोर्ट में कहा है कि झूठ को खारिज करने का समय आ गया है। सूबतों से यह साबित होता है कि वायरस वुहान संस्थान ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था। ऐसा 12 सितंबर, 2019 से कुछ समय पहले किया हुआ था।
बता दें कि कोरोना को लेकर अप्रैल में अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने कहा था कि वह इस बात से सहमत है कि वायरस मानव निर्मित या आनुवंशिक रूप से मोडिफाइ नहीं किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मई में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति के लिए अपनी खोज में तेजी लाने और 90 दिनों में वापस रिपोर्ट करने का आदेश दिया था।