अमित शाह ने तामुलपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की रखी आधारशिला

गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना से प्रभावित लोगों, विशेषकर उन लोगों तक पहुंचने के असम सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए, जिन्होंने महामारी में अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है। अमित शाह ने राज्य सरकार की प्रार्थना योजना के तहत राज्य के 100 चयनित लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की। गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में इस योजना का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया गया। इस योजना के तहत असम सरकार मृतक कोरोना रोगियों के परिजनों को एक लाख रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया है।

अमित शाह ने इसके अलावा बोड़ोलैंड टेरिटोरियल रिजन (बीटीआर) क्षेत्र में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए रविवार के कार्यक्रम में 430 बिस्तरों वाले तामुलपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री की 35 यात्राएं और क्षेत्र से केंद्रीय मंत्रिमंडल में पांच मंत्रियों को शामिल करना पूर्वोत्तर के विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का स्पष्ट संकेत है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में बोडोलैंड समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही समझौते की 90 प्रतिशत शर्तों को पूरा कर चुकी है। असम की भाषा, इसकी विरासत और गौरवशाली संस्कृति की रक्षा और संरक्षण के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए शाह ने कहा कि असम और उत्तर पूर्व की भाषा, बोलियां, व्यंजन और सांस्कृतिक परंपराएं भारत के रत्न हैं और सरकार इन्हें संरक्षित करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने अपने संबोधन के दौरान स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के मद्देनजर राज्य सरकार की पहल को शुरू करने के लिए केंद्रीय मंत्री के असम की यात्रा के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में बीटीआर समझौते पर हस्ताक्षर के साथ राज्य में स्थायी शांति के लिए एक नया अध्याय शुरू हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकांश शर्तें पहले ही पूरी कर ली गई हैं, बाकी को भी जल्द ही पूरा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आजादी के बाद पिछले छह दशकों में असम में केवल छह मेडिकल कॉलेज थे। हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में आने के बाद 23 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए कदम उठाए, जिनमें से कुछ पूरे हो चुके हैं जबकि कई कार्यान्वयन प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं।

उन्होंने आगे बताया कि असम सरकार ने कोरोना प्रभावित परिवारों, विशेष रूप से जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है, को सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना, मुख्यमंत्री विधवा सहायता योजना और प्रार्थना योजना शुरू की है। प्रार्थना योजना के तहत मृतक कोरोना रोगियों के परिजनों को एक लाख रुपये दिये जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने 5114 परिजनों का चयन किया गया है। इस मौके पर राज्य के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने जहां स्वागत भाषण दिया वहीं कार्यक्रम को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री केशव महंत और बीटीसी प्रमुख प्रमोद बोडो ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में असम विधानसभा के अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी और राज्य सरकार के कई मंत्री मौजूद थे।

इससे पहले आज असम और पूर्वोत्तर के कैंसर उपचार के बुनियादी ढांचे को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने जीएमसीएच में राज्य कैंसर संस्थान के रेडियो थेरेपी ब्लॉक का उद्घाटन किया और केंद्र में नई स्थापित अत्याधुनिक लीनियर एक्सेलेरेटर मशीन को भी लोगों की सेवा के लिए समर्पित किया। यह उपचार सुविधा कैंसर के खिलाफ राज्य की लड़ाई में जबरदस्त वृद्धि के अलावा इस क्षेत्र में प्रभावित लोगों के लिए मदद की उम्मीद है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री केशव महंत और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। केंद्रीय गृहमंत्री रात को ही गुवाहाटी के बोरझार स्थित लोक प्रिय गोपीनाथ बरदलै अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए रवाना हो गये।

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