नयी दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि संसद के मानसून सत्र में वह नियमों के तहत सरकार एवं विपक्षी दलों के बीच सहमति से किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने का पर्याप्त अवसर एवं समय देंगे।
श्री बिरला ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र की पूर्वसंध्या पर रविवार को यहां संसद के पुस्तकालय भवन में हुई सर्वदलीय बैठक में यह बात साफ कर दी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे।
करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक के बाद श्री बिरला ने संवाददाताओं से कहा कि मानसून सत्र की कार्यवाही कोविड प्रोटोकाेल एवं स्वास्थ्य मानकों के हिसाब से करायी जायेगी। सभी दलों के नेताओं से चर्चा हुई है, विभिन्न मुद्दों को उठाने की मांग की गयी है।
उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि विपक्ष एवं सरकार परस्पर सहमति से सार्थक चर्चा हाे। सदस्यों को उसमें भाग लेने का पर्याप्त मौका मिले। इसी तरह से उन्हें विधायी कार्यवाही में पर्याप्त समय एवं अवसर मिले। जिस प्रकार से पिछले सत्र उत्पादकता के मामले में उपयोगी रहे हैं, उसी प्रकार से यह सत्र भी उत्पादक हो तथा सदस्यों को जनहित एवं राष्ट्रहित के मुद्दे उठाने का अधिक से अधिक अवसर मिले।
श्री बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के अब तक के सत्रों की उत्पादकता 122 प्रतिशत रही है। कुल 107 विधेयक पारित हुए हैं। आशा है कि यह सत्र भी सफल रहेगा और सभी दलो का अपेक्षित सहयोग मिलेगा।
बैठक में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, बसपा के ऋतेश पांडेय, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ई टी मोहम्मद बशीर, लोकजनशक्ति पार्टी के पशुपति कुमार पारस, अपना दल की अनुप्रिया पटेल आदि शामिल थे।