सेना प्रमुख ने सियाचिन, पूर्वी लद्दाख में सैनिकों का हौसला बढ़ाया
सियाचिन में हिमस्खलन होने से शहीद दो जवानों को दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। सियाचिन और पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर गए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को चीन सीमा पर तैनात जवानों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने सीमा के उन इलाकों का भी दौरा जहां से 11वीं सैन्य कमांडर वार्ता में चीन ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है। सेना प्रमुख ने सियाचिन ग्लेशियर सॉल्टोरो रिज क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां रविवार को उप-क्षेत्र हनीफ में एक हिमस्खलन होने से पंजाब रेजिमेंट के दो सैनिक शहीद हो गए थे। पिछले साल इन दिनों ही कोरोना महामारी की शुरुआत होने के समय चीन ने एलएसी पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी। इसलिए सेना प्रमुख का इस समय पूर्वी लद्दाख का दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। जनरल नरवणे ने पूर्वी लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में जमीनी स्थिति और परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की और कमांडर्स से चीन से सटी एलएसी पर ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के साथ दौरे पर पहुंचे जनरल नरवणे को चीन के साथ सैन्य वार्ता का नेतृत्व कर रहे 14वीं फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ साल भर के सैन्य टकराव में वर्तमान परिचालन स्थिति पर जानकारी दी। मेनन ने उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और परिचालन संबंधी तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी।
जनरल नरवणे ने सीमा के कठोर और उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करके विपरीत मौसम और जलवायु में भी उनकी दृढ़ता और ऊंचे मनोबल के लिए सराहना की। वह सीमा के गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेमचोक इलाकों में भी गए जहां से चीन ने 9 अप्रैल को कोर कमांडर स्तरीय 11वीं वार्ता में अपनी सैन्य टुकड़ी को हटाने से इनकार कर दिया था। गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स के पेट्रोलिंग पॉइंट 15, 17 और 17ए में अभी भी दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के करीब हैं। अगली बैठक में एलएसी के दोनों तरफ मौजूद सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से पीछे हटाने की रणनीति पर फिर से चर्चा होनी है। पीएलए ने डेप्सांग क्षेत्र के पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11 ए, 12 और 13 में भी भारतीय गश्ती दल को जाने से रोकना जारी रखा है।
जनरल नरवणे नई दिल्ली लौटने से पहले बुधवार को चीन सीमा की अंतिम भारतीय चौकी दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) जैसे अन्य अग्रिम क्षेत्रों का दौरा करेंगे। डीबीओ के पास चीन ने करीब 50 हजार सैनिकों के साथ टी-90 रेजिमेंट और आर्टिलरी गन की तैनाती कर रखी है। रणनीतिक दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) हवाई पट्टी से करीब 20 किमी. दूर डेप्सांग में चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ने की भी तस्वीरें सेटेलाइट ने कैद की हैं। यहां से चीन के कब्जे वाला अक्साई चिन महज 7 किमी. दूर है। दरअसल यहां चीन अपनी सेना की तैनाती करके एक साथ डेप्सांग घाटी, अक्साई चिन और दौलत बेग ओल्डी पर नजर रख रहा है। भारत ने चीन से डेप्सांग और दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में तैनात अपने सैनिकों को वापस बुलाने और निर्माण गतिविधियां रोकने के लिए कहा है।
सेना प्रमुख ने सियाचिन ग्लेशियर-सॉल्टोरो रिज क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां रविवार को उप-क्षेत्र हनीफ में हिमस्खलन होने से सेना के छह जवान बर्फ में धंस गए थे। सेना के एवलांच पैंथर्स व माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने सियाचिन के हनीफ सब सेक्टर में व्यापक अभियान चलाकर इन जवानों को बर्फ से निकाला। इस दौरान पंजाब के मनसा जिले के हकमवाला गांव के सिपाही प्रभजीत सिंह व बरनाला जिले के करमगढ़ के सिपाही अमरदीप सिंह शहीद हो गये। गंभीर अवस्था में निकाले गए अन्य चार जवानों का इस समय लेह में उपचार चल रहा है। पंजाब रेजिमेंट के दोनों शहीद सैनिकों को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इन सैनिकों की शहादत को सलाम करने के साथ उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में धैर्य बनाए रखने को कहा।