भारत में दोबारा कोविड-19 महामारी की लहर ने देश की स्वस्थ्य व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण भारत का हेल्थकेयर सिस्टम जोखिम में है। फिच सॉल्यूशंस का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अनेकों कदम उठाने के बावजूद भारत महामारी को फैलने से रोकने में असफल है।
फिच के अनुसार, इससे यहां के हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। इसने शुक्रवार को बताया, ‘लगातार मेडिकल फंडिंग व हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से पता चलता है कि महामारी के कारण हालात और बदतर होंगे यदि इसे उचित तरीके से खत्म नहीं किया गया।’ प्रत्येक 10,000 जनसंख्या पर 8.5 अस्पताल बेड और 10,000 मरीजों पर 8 फिजिशियन हैं, इससे पता चलता है कि हेल्थकेयर सेक्टर इस आपदा से जूझने के लिए पर्याप्त तौर पर तैयार नहीं है।
हाल में ही फिच ने कहा था कि संक्रमण की दर में वृद्धि और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के व्यापक होने से चालू वित्त वर्ष में उसका 12.8 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान भी घट सकता है। फिच रेटिंग ने एक बयान में कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच भारत के गैर-बैंक वित्तीय संस्थान नए सिरे से परिसंपत्ति की गुणवत्ता और नकदी जोखिम का सामना कर सकते हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड संक्रमण का प्रमुख केंद्र महाराष्ट्र है, जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 13-14 प्रतिशत का योगदान करता है।