ऑक्सीजन की कमी पर केंद्र ने राज्यों से बेहतर ढंग से उपयोग करने की दी सलाह, कहा- न हो बर्बादी

भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान 2 लाख से अधिक नए केस सामने आए हैं। वहीं एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इस बीच देश के कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है। केंद्र ने गुरुवार को राज्यों को ऑक्सीजन का बेहतर ढ़ंग से इस्तेमाल करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि देश में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक होने पर भी कोई बर्बादी न हो। COVID-19 प्रभावित मरीजों के इलाज में मेडिकल ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि प्रभावित राज्यों को चिकित्सा ऑक्सीजन सहित आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मार्च 2020 में COVID महामारी के दौरान अधिकारियों का एक अंतर-मंत्रालय अधिकार प्राप्त समूह (EG2) गठित किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि ऑक्सीजन विनिर्माण इकाइयों के रैंपयुक्त उत्पादन और उपलब्ध अधिशेष स्टॉक के साथ, ऑक्सीजन की वर्तमान उपलब्धता पर्याप्त है।

यह कहा गया है कि प्रभावित राज्यों को चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए स्रोतों की दैनिक मैपिंग निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारी के तहत है।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 100 से ज्यादा अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। ज्यादातर अस्पतालों ने नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। मार्च में भोपाल में हर दिन 30 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत थी, जो 60 मीट्रिक टन हो गई है। कई अस्पतालों में नए मरीजों के परिजनों से पर्चा भरवाया जा रहा है।

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, यहां के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई से सटे नालासोपारा इलाके में ऑक्सीजन की कमी के चलते सात मरीजों की मौत हो गई।

छत्तीसगढ़

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले बेड की कमी की शिकायत हुई है। यहां कल 4 लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात कही जा रही है।

 

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