ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के लॉबिंग स्कैंडल की सरकारी जांच शुरू हो गई है। कैमरन पर एक वित्तीय कंपनी के लिए सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने का आरोप है। उधर इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए जांच को लीपापोती की कोशिश बताया है।
इस मामले में रविवार को अठारह सौ पेज का लिखित बयान भी कैमरन की तरफ से जारी किया गया है। उनका बयान ग्रीन सिल कैपिटल के तबाह हो जाने के बाद आया है। ग्रीन सिल कैपिटल एक इस्पात कंपनी का वित्तपोषण कर रही थी। इस्पात कंपनी के हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गया था। ग्रीनसिल कंपनी में कैमरन पार्टटाइम एडवाइजर थे। उन पर आरोप है कि कंपनी को बचाने के लिए उन्होंने ऋण देने के लिए वित्त मंत्री ऋषि सुनक सहित कई शीर्ष अधिकारियों से लॉबिंग की।
डेविड कैमरन 2010 से 2016 के बीच प्रधानमंत्री रहे थे। वे उसी कंजरवेटिव पार्टी के नेता रहे हैं जिसकी मौजूदा सरकार है। उन्होंने जांच शुरू होने के बाद चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्होंने न तो किसी कानून का उल्लंघन किया है और न ही लॉबिंग की है। इस घटना से मुझे यह सबक मिला है कि सरकार से बात करने के लिए केवल औपचारिक प्रक्रिया को ही अपनाना चाहिए।
मंत्रियों पर पांच साल तक लॉबिंग पर लगे रोक : ब्राउन
लॉबिंग का मामला सामने के बाद ब्रिटेन के राजनीतिक हलचल मच गई है। 2007 से 2010 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे लेबर पार्टी के नेता गॉर्डन ब्राउन ने कहा कि पूर्व मंत्रियों के पद से हटने के बाद उन पर कम से कम पांच साल तक लॉबिंग करने पर प्रतिबंध होना चाहिए। उधर ब्रिटिश सांसद बर्नार्ड जेंकिन ने कहा कि ये मंत्रियों और अधिकारियों का कर्तव्य होना चाहिए कि यदि उन्हें कोई लॉबिस्ट अनुचित तरीके से प्रभावित करता है तो उन्हें फौरन सरकार को बताना चाहिए।