गुजरात में आमरण अनशन कर रहे हार्दिक पटेल के समर्थन में पहली बार राज्य के मंत्री कुंवर जी बावलिया सामने आए हैं। उन्होंने पाटीदार नेता की मांगों को जायज और संवेदनशील बताते हुए इस मामले में मध्यस्थता की इच्छा जताई है। पाटीदार आरक्षण और किसानों का कर्ज माफ करने की मांग को लेकर नौ दिन से अनशन कर रहे हार्दिक ने रविवार को अपनी वसीयत सार्वजनिक की। इसमें उन्होंने मौत होने पर नेत्रदान की इच्छा प्रकट की है। हार्दिक ने अपनी संपत्ति माता-पिता और बहन में बांटने के साथ आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए 14 युवकों के परिजनों को भी देने की बात कही है।
गुजरात सरकार के कैबिनेट मंत्री कुंवर जी बावलिया ने हार्दिक की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए। हालांकि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के प्रवक्ता मनोज पनारा ने उनके बयान को राजनीतिक बताते हुए कहा कि बावलिया के क्षेत्र में उपचुनाव के चलते उन्हें हार्दिक याद आए हैं। वे मांगों का समर्थन करते हैं तो उनसे मिलने आ सकते हैं। हार्दिक के उपवास स्थल पर उनके समर्थकों को आने से रोकने के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दायर होने के बाद रविवार को पुलिस ने मिलने आए युवाओं को पुलिस रजिस्टर में नाम मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद जाने दिया। उधर, नेता विपक्ष परेश धनाणी ने हार्दिक के उपवास आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन होने की बात दोहराई है।
मांझी भी मिलने पहुंचे
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अहमदाबाद में हार्दिक पटेल से मिलने पहुंचे। उन्होंने पाटीदार आरक्षण की मांग को जायज बताते हुए कहा कि देश में आरक्षण की सीमा 70 फीसद होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और रामदास अठावले पर निशाना साधते हुए मांझी बोले कि दोनों नेता सरकार की नौकरी कर रहे हैं।